बांग्लादेश में हिंदू परिवार पर हमला: चटोग्राम में आगजनी और धमकी भरे बैनर की घटना
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर बढ़ती हिंसा
नई दिल्ली: बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में चटोग्राम में एक हिंदू परिवार के घर पर हमले की खबर आई है, जहां असामाजिक तत्वों ने आगजनी की। इस हमले में न केवल घर को जलाकर राख कर दिया गया, बल्कि परिवार के पालतू जानवरों को भी जिंदा जला दिया गया, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है।
परिवार ने किसी तरह बचाई जान
यह घटना चटोग्राम में प्रवासी जयंती संघा और बाबू शुकुशील के निवास पर हुई। स्थानीय निवासियों के अनुसार, हमलावरों ने अचानक घर में आग लगा दी। सौभाग्य से, परिवार के सभी सदस्य बाड़ काटकर भागने में सफल रहे और अपनी जान बचा ली। हालांकि, घर का सारा सामान जलकर नष्ट हो गया और पालतू जानवरों की दर्दनाक मौत हो गई। पीड़ित परिवार ने बताया कि वे अब अपने ही इलाके में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
धमकी भरा बैनर घटनास्थल पर मिला
हमले के बाद घटनास्थल के पास एक हाथ से लिखा धमकी भरा बैनर भी मिला, जिसने स्थिति को और गंभीर बना दिया। बैनर में हिंदू समुदाय को चेतावनी दी गई थी कि उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। इसमें आरोप लगाया गया कि हिंदू लोग इस्लाम और मुस्लिम समाज के खिलाफ गतिविधियों में शामिल हैं। संदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया कि यदि वे अपनी आवाजाही और सामाजिक गतिविधियों को नहीं रोकते हैं, तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
खुली धमकियों से बढ़ा डर
बैनर में आगे लिखा गया था कि यदि निर्देशों का पालन नहीं किया गया, तो हिंदुओं के घर, संपत्ति और व्यवसायों को नष्ट कर दिया जाएगा और कोई भी उनकी रक्षा नहीं कर सकेगा। इसे 'अंतिम चेतावनी' बताते हुए किसी भी विरोध पर कठोर कार्रवाई की धमकी दी गई। इस तरह की खुली धमकियों ने इलाके में रहने वाले अन्य हिंदू परिवारों में भी भय पैदा कर दिया है।
दीपू चंद्र दास हत्याकांड का संदर्भ
यह घटना मैमनसिंह जिले में हुए दीपू चंद्र दास हत्याकांड के कुछ ही दिनों बाद हुई है। दीपू दास एक युवा कपड़ा कारखाना कर्मचारी थे, जिन पर कथित तौर पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था। आरोप है कि 16 दिसंबर की रात उनके पर्यवेक्षकों ने उनसे जबरन इस्तीफा दिलवाया और फिर उन्हें उग्र भीड़ के हवाले कर दिया। भीड़ ने बेरहमी से पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी, और बाद में शव को लटकाकर आग लगा दी गई। इस घटना में उनके कुछ सहकर्मियों की भूमिका भी सामने आई थी।
कट्टरपंथी नेता की मौत से बढ़ा तनाव
इसी बीच, कट्टरपंथी नेता शरीफ उस्मान हादी की सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत के बाद हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं। हादी पर पहले जानलेवा हमला हुआ था, जिसमें उन्हें सिर में गोली लगी थी। वह भारत-विरोधी और शेख हसीना-विरोधी बयानों के लिए जाने जाते थे। उनकी मौत के बाद कट्टरपंथी तत्वों के सक्रिय होने की आशंका जताई जा रही है।
भारत में विरोध प्रदर्शन
दीपू दास की हत्या और हिंदू समुदाय पर हमलों को लेकर भारत में भी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर जोरदार प्रदर्शन हुए। इन घटनाओं ने भारत और बांग्लादेश के बीच पहले से ही संवेदनशील कूटनीतिक संबंधों को और प्रभावित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि हालात पर जल्द काबू नहीं पाया गया, तो इसका असर दोनों देशों के रिश्तों पर लंबे समय तक पड़ सकता है।
