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बांग्लादेश में हिंदू परिवारों पर हमले: चटगांव में आगजनी की घटना

बांग्लादेश में चटगांव जिले के पश्चिम सुल्तानपुर गांव में हिंदू परिवारों पर हमले की एक नई घटना सामने आई है। हमलावरों ने दो घरों में आग लगा दी, जिससे परिवार के सदस्यों को जान बचाने के लिए दीवारें तोड़नी पड़ीं। प्रशासन ने पीड़ितों को राहत सामग्री प्रदान की है, जबकि पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने बांग्लादेश में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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बांग्लादेश में हिंदू परिवारों पर हमले: चटगांव में आगजनी की घटना

चटगांव में हिंदू परिवारों पर हमले की घटना

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हमलों की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। हालिया घटना चटगांव जिले के पश्चिम सुल्तानपुर गांव की है, जहां सोमवार की सुबह दो हिंदू परिवारों के घरों में आग लगा दी गई। आरोप है कि हमलावरों ने आग लगाने से पहले दरवाजे बाहर से बंद कर दिए, जिससे अंदर मौजूद लोग बाहर नहीं निकल सके। हालांकि, परिवार के सदस्यों ने दीवारें तोड़कर अपनी जान बचाई।


घटना का विवरण

यह घटना सुबह लगभग 3:45 बजे हुई। जिन घरों को निशाना बनाया गया, वे सुखा शिल और दिहाड़ी मजदूर अनिल शिल के बताए जा रहे हैं। आगजनी में दोनों घरों के सात कमरे पूरी तरह से जलकर खाक हो गए। उस समय घर में आठ लोग सो रहे थे। जब आग लगी, तो लोगों की नींद खुली और उन्होंने पाया कि दरवाजे बंद हैं। इसके बाद, परिवार के सदस्यों ने बांस और टीन की दीवारें काटकर किसी तरह बाहर निकलकर अपनी जान बचाई।


पीड़ित परिवार की स्थिति

अनिल शिल के बेटे मिथुन शिल ने बताया कि आग में उनका पासपोर्ट, घर का सारा सामान और लगभग 80 से 90 हजार टका नकद जलकर राख हो गया। मिथुन हाल ही में शादी के लिए दुबई से लौटे थे। उन्होंने कहा कि अगर समय पर दीवार नहीं तोड़ी जाती, तो बड़ा हादसा हो सकता था।


स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचा। उपजिला कार्यकारी अधिकारी एस.एम. रहातुल इस्लाम और सहायक आयुक्त ओंगचिंग मारमा ने नुकसान का आकलन किया और पीड़ित परिवारों को राहत सामग्री प्रदान की। प्रशासन ने 25 किलो चावल, 5,000 टका नकद और कंबल दिए हैं।


पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले लक्ष्मीपुर सदर में भी आगजनी की एक घटना में 7 साल की बच्ची की जिंदा जलकर मौत हो गई थी, जिससे बांग्लादेश में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।