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बांग्लादेश में हिंदू मजदूर की हत्या: क्या अमेरिका में भी बढ़ रहा है इस्लामी कट्टरवाद?

बांग्लादेश में एक हिंदू कपड़ा मजदूर की हत्या ने न केवल दक्षिण एशिया में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी हलचल मचाई है। दीपू चंद्र दास की हत्या के बाद अमेरिकी दक्षिणपंथी कार्यकर्ता लौरा लूमर ने अमेरिका में इस्लामी कट्टरवाद के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो अमेरिका में भी धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा बढ़ सकती है। इस घटना ने भारत और विश्वभर के हिंदू समुदाय में आक्रोश पैदा किया है, और यह मामला अब धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण विमर्श बन चुका है।
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बांग्लादेश में हिंदू मजदूर की हत्या: क्या अमेरिका में भी बढ़ रहा है इस्लामी कट्टरवाद?

दिल दहला देने वाली घटना


नई दिल्ली: बांग्लादेश में एक भयावह घटना ने न केवल दक्षिण एशिया बल्कि वैश्विक राजनीति में भी हलचल मचा दी है। 26 वर्षीय हिंदू कपड़ा श्रमिक दीपू चंद्र दास को इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ ने ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर मार डाला। दीपू अपने परिवार के लिए एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। यह हत्या उस समय हुई जब देश पहले से ही राजनीतिक अस्थिरता और हिंसक प्रदर्शनों का सामना कर रहा था।


लौरा लूमर की चेतावनी

इस घटना पर अमेरिकी दक्षिणपंथी कार्यकर्ता और डोनाल्ड ट्रंप की सहयोगी लौरा लूमर ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दीपू दास की हत्या को एक उदाहरण के रूप में पेश करते हुए अमेरिका में इस्लामी कट्टरवाद के बढ़ते प्रभाव के प्रति चेतावनी दी। लूमर ने कहा कि यदि अमेरिकी सांसदों ने समय रहते इस्लामी चरमपंथ और उसके वित्तपोषण पर सख्त कदम नहीं उठाए, तो भविष्य में अमेरिका में भी धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ ऐसी हिंसक घटनाएं देखने को मिल सकती हैं।


मीडिया और राजनीतिक हस्तियों पर आरोप

लूमर ने अपने बयान में कुछ अमेरिकी मीडिया हस्तियों पर भी निशाना साधा। उनका आरोप था कि ये लोग जानबूझकर उन विचारधाराओं को कमतर दिखाते हैं जो कट्टरता और नफरत को बढ़ावा देती हैं। उन्होंने मशहूर पत्रकार टकर कार्लसन का नाम लेकर उन पर इस मुद्दे को हल्के में लेने का आरोप लगाया। लूमर का कहना है कि यह चुप्पी भविष्य में गंभीर परिणाम ला सकती है।


लौरा लूमर के विवादास्पद बयान

लौरा लूमर पहले भी कई बार अपने विवादास्पद बयानों के कारण चर्चा में रही हैं। उन्होंने भारत विरोधी, आप्रवासन विरोधी और नस्लीय टिप्पणियां की हैं। 2024 में उन्होंने तत्कालीन व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस पर भी आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं, जिनकी व्यापक आलोचना हुई थी। उनके बयान अक्सर राजनीतिक बहस को और अधिक ध्रुवीकृत कर देते हैं।


अमेरिका पर इस्लामी कब्जे का दावा

लूमर ने इससे पहले भारतीय मूल के कुछ डेमोक्रेट नेताओं की चुनावी जीत के बाद भी 'अमेरिका पर इस्लामी कब्ज़े' जैसी चेतावनियां दी थीं। आलोचकों का कहना है कि वह वैश्विक घटनाओं को घरेलू राजनीति से जोड़कर डर और असुरक्षा की भावना को बढ़ावा देती हैं।


भारत और वैश्विक हिंदू समुदाय में आक्रोश

दीपू चंद्र दास की हत्या ने भारत सहित विश्वभर के हिंदू समुदाय में गहरा आक्रोश पैदा किया है। कई लोगों ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने में असफल रही और अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इस घटना को पर्याप्त महत्व नहीं दिया। यह मामला अब धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कट्टरवाद के खिलाफ वैश्विक विमर्श का हिस्सा बन चुका है।