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बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या: 7 गिरफ्तार

बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले में एक हिंदू युवक की हत्या के मामले में 7 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। युवक की पहचान दीपू चंद्र दास के रूप में हुई है, जिसे ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर मारा गया। यह घटना युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद हुई, जिसने देश में अशांति फैला दी। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और संदिग्धों की गिरफ्तारी के बारे में।
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बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या: 7 गिरफ्तार

मैमनसिंह में हुई हत्या की घटना


मैमनसिंह: बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले में एक हिंदू युवक की निर्मम हत्या कर दी गई। इस युवक के शव को एक पेड़ से बांधकर जला दिया गया। इस मामले में पुलिस ने 7 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जैसा कि मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने बताया। ये गिरफ्तारियां रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) द्वारा विभिन्न स्थानों पर की गईं। यूनुस ने इस ऑपरेशन के बाद जानकारी साझा की।


सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में, यूनुस ने कहा कि RAB-14 ने इस मामले में 7 संदिग्धों को पकड़ा है। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में मोहम्मद लिमोन सरकार, मोहम्मद तारिक हुसैन, मोहम्मद मानिक मियां, इरशाद अली, निजुम उद्दीन, आलमगीर हुसैन और मोहम्मद मिराज हुसैन अकन शामिल हैं।


घटना का विवरण

क्या है पूरा मामला:


गुरुवार को बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले में ईशनिंदा के आरोपों के चलते एक हिंदू युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। यह घटना युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद हुई, जिनकी पिछले हफ्ते संसदीय चुनावों के प्रचार के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हादी को इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था, जहां उनकी मृत्यु हो गई।


मारे गए युवक की पहचान दीपू चंद्र दास के रूप में हुई है। दीपू भालुका उपजिला में एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करता था। गुरुवार रात लगभग 9 बजे, एक भीड़ ने उसे घेर लिया और उस पर आरोप लगाया कि उसने मुहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसी आरोप के चलते भीड़ ने उसे बुरी तरह पीटा।


दीपू को इतनी बुरी तरह पीटा गया कि उसकी मृत्यु हो गई। इसके बाद, भीड़ ने उसके शव को पेड़ से बांधकर आग लगा दी। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो उन्होंने स्थिति को नियंत्रित किया और दीपू के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।


हादी की हत्या का मामला

हादी की गोली मारकर हत्या:


हादी की हत्या गोली मारकर की गई थी, जब वह 12 फरवरी के संसदीय चुनावों के लिए प्रचार कर रहा था। हादी इंकलाब मंच का संयोजक था और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का आलोचक भी था।