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बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या: दीपू चंद्र दास की दर्दनाक कहानी

बांग्लादेश में हाल ही में एक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या की घटना ने सभी को चौंका दिया है। 18 दिसंबर को हुई इस घटना में भीड़ ने उन्हें बेरहमी से पीटकर मार डाला और शव को पेड़ पर लटकाकर आग लगा दी। यह घटना उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा के बीच हुई। जानिए इस दर्दनाक घटना के बारे में और सरकार की प्रतिक्रिया क्या रही।
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बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या: दीपू चंद्र दास की दर्दनाक कहानी

बांग्लादेश में हुई दिल दहला देने वाली घटना


हाल ही में बांग्लादेश में हुई एक भयानक घटना ने सबको झकझोर दिया है। मैमनसिंह जिले के भालुका क्षेत्र में एक हिंदू युवक की भीड़ ने बेरहमी से हत्या कर दी और उसके शव को पेड़ पर लटकाकर आग लगा दी। यह घटना 18 दिसंबर की रात को हुई, जब देश में शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गए थे।


दीपू चंद्र दास का परिचय

दीपू चंद्र दास एक साधारण 30 वर्षीय युवक थे, जो हिंदू समुदाय से संबंधित थे। वह स्थानीय गारमेंट फैक्ट्री में काम करते थे और भालुका के दुबालिया पारा में किराए पर रहते थे।


भीड़ का हमला और हत्या

पुलिस के अनुसार, रात लगभग 9 बजे, एक गुस्साई भीड़ ने उन पर पैगंबर मुहम्मद के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया। भीड़ ने उन्हें पकड़कर बुरी तरह पीटा, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।


शव को आग लगाना

स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, फैक्ट्री में विश्व अरबी भाषा दिवस के कार्यक्रम के दौरान दीपू पर यह आरोप लगाया गया। गुस्साए लोगों ने उन्हें घेरकर मारपीट की और बाद में शव को चौराहे पर ले जाकर पेड़ से लटकाया और आग लगा दी। सोशल मीडिया पर इस घटना के वीडियो वायरल हो गए, जिनमें भीड़ की क्रूरता स्पष्ट दिखाई दे रही है।


पुलिस की कार्रवाई

पुलिस घटना स्थल पर देर से पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मैमनसिंह मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया है। अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है, लेकिन पुलिस परिवार के सदस्यों की तलाश कर रही है।


उस्मान हादी की मौत के बाद की हिंसा

यह घटना शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा के बीच हुई। हादी एक प्रमुख छात्र नेता थे, जिनकी सिंगापुर में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। उनकी मौत के बाद ढाका से चटगांव तक विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। इस दौरान अल्पसंख्यक समुदाय, विशेषकर हिंदुओं पर हमले बढ़ गए।


सरकार की प्रतिक्रिया

मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने इस हत्या की कड़ी निंदा की है। सरकार ने कहा कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। दोषियों को सजा देने का आश्वासन दिया गया है और सभी से अपील की गई है कि वे हिंसा का विरोध करें। सरकार ने इसे एक जघन्य अपराध बताया और शांति बनाए रखने की गुजारिश की।