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बांग्लादेश हत्याकांड में नया मोड़: फैसल करीम मसूद का दुबई में होना

बांग्लादेश के चर्चित उस्मान हादी हत्याकांड में मुख्य आरोपी फैसल करीम मसूद ने दावा किया है कि वह दुबई में है, न कि भारत में। उसने अपने वीडियो बयान में राजनीतिक साजिश का शिकार होने का आरोप लगाया है। मसूद ने जमात ए इस्लामी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हादी के साथ उसके पेशेवर संबंध थे। इस मामले में जांच एजेंसियों की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। जानें इस मामले में और क्या नया मोड़ आया है।
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बांग्लादेश हत्याकांड में नया मोड़: फैसल करीम मसूद का दुबई में होना

बांग्लादेश में हत्याकांड का नया मोड़


नई दिल्ली: बांग्लादेश में उस्मान हादी की हत्या से जुड़े मामले में एक नया मोड़ आया है। मुख्य आरोपी फैसल करीम मसूद ने दावा किया है कि वह भारत में नहीं, बल्कि दुबई में है और हत्या में उसकी कोई संलिप्तता नहीं है। उसने एक वीडियो बयान जारी कर कहा कि वह और उसका परिवार राजनीतिक साजिश का शिकार हैं। मसूद ने आरोप लगाया कि उसके खिलाफ झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं और वह अपनी सुरक्षा के लिए दुबई गया है।


दुबई में मसूद की उपस्थिति के सबूत

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, फैसल करीम मसूद के दुबई में होने के सबूत और वीडियो सामने आए हैं। दस्तावेजों से पता चलता है कि उसके पास यूएई का पांच साल का मल्टीपल एंट्री वीजा है, जो दिसंबर 2022 में जारी हुआ था। इससे पहले बांग्लादेशी मीडिया ने दावा किया था कि मसूद भारत भाग गया है।


जमात ए इस्लामी पर आरोप

फैसल करीम मसूद ने अपने बयान में क्या आरोप लगाए?


मसूद ने जमात ए इस्लामी पर गंभीर आरोप लगाए हैं, यह कहते हुए कि उस्मान हादी इस संगठन से जुड़ा था और संभवतः इसी संगठन के सदस्यों ने हत्या की योजना बनाई। उसने कहा कि जमाती तत्वों की भूमिका की जांच होनी चाहिए। इस बयान के बाद बांग्लादेश की राजनीति में तनाव बढ़ सकता है।


जांच एजेंसियों की विश्वसनीयता पर सवाल

जांच एजेंसियों पर क्यों खड़े हुए सवाल?


ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त एसएन मोहम्मद नज रुल इस्लाम ने पहले कहा था कि फैसल करीम मसूद और एक अन्य आरोपी आलमगीर शेख भारत के मेघालय में दाखिल हुए हैं। अब मसूद के दुबई में होने के सबूत सामने आने से जांच एजेंसियों की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।


मसूद और उस्मान हादी के संबंध

मसूद के उस्मान हादी से कैसे थे संबंध?


मसूद ने यह भी स्वीकार किया कि उसके और उस्मान हादी के बीच पेशेवर और राजनीतिक संबंध थे। उसने कहा कि वह एक आईटी कंपनी का मालिक है और व्यापारिक कारणों से हादी से मिलता था। मसूद के अनुसार, उसने हादी को राजनीतिक चंदा भी दिया था और बदले में सरकारी कॉन्ट्रैक्ट दिलाने का आश्वासन मिला था।