Newzfatafatlogo

बादल फटने की घटनाएं: जानें कैसे होती हैं ये प्राकृतिक आपदाएं

उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बादल फटने की घटनाएं बढ़ रही हैं। जानें कि यह प्रक्रिया कैसे होती है और इससे बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बादल फटने के कारणों को समझें और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करने के महत्व को जानें।
 | 
बादल फटने की घटनाएं: जानें कैसे होती हैं ये प्राकृतिक आपदाएं

बादल फटने की प्रक्रिया

Cloudburst in India: उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बादल फटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इस स्थिति में यह जानना आवश्यक है कि बादल कैसे फटते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, यह प्रक्रिया तब होती है जब गर्म हवाएं जमीन से ऊपर उठती हैं और बादलों में मौजूद नमी के साथ कई जल बूँदें ऊपर ले जाती हैं। इस कारण से, बादल भारी मात्रा में पानी संचित कर लेते हैं और जब हवा कमजोर होती है, तो यह ऊपर नहीं जा पाती। नतीजतन, लाखों लीटर पानी एक ही स्थान पर इकट्ठा हो जाता है और अचानक बारिश के रूप में गिरता है, जिसे बादल फटना कहा जाता है। हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में ये घटनाएं अधिक होती हैं, क्योंकि पहाड़ों में हवा का प्रवाह संकुचित होता है और नमी का स्तर भी अधिक होता है। इसलिए, बचाव के लिए मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करना, जल निकासी की व्यवस्था करना और नदी या ढलान के पास घरों का निर्माण न करना अत्यंत आवश्यक है.