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बीजिंग में QUAD देशों की महत्वपूर्ण बैठक, चीन की प्रतिक्रिया का इंतजार

बीजिंग में QUAD देशों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के राजदूत शामिल हुए। यह बैठक चीन के लंबे समय से चल रहे विरोध के बीच हुई है, और इसके परिणामस्वरूप हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नई राजनीतिक हलचल देखने को मिल रही है। अमेरिकी राजदूत ने बैठक को सकारात्मक बताते हुए चारों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने की बात की। हालांकि, चीन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। जानें इस बैठक के पीछे की रणनीति और चीन की चिंताओं के बारे में।
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बीजिंग में QUAD देशों की महत्वपूर्ण बैठक, चीन की प्रतिक्रिया का इंतजार

बीजिंग में QUAD की बैठक का आयोजन


नई दिल्ली: चीन की राजधानी बीजिंग में QUAD के चार सदस्य देशों, भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के राजदूतों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। यह बैठक उस समय आयोजित की गई जब चीन लंबे समय से QUAD की आलोचना कर रहा है। अमेरिकी दूतावास में हुई इस मुलाकात ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र की राजनीति में नए संकेत दिए हैं।


QUAD की दुर्लभ बैठक

मंगलवार को अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के राजदूतों ने बीजिंग में अमेरिकी दूतावास में बैठक की। अमेरिकी राजदूत डेविड परड्यू ने इस बैठक की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की, जिसमें भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत भी शामिल थे। यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि QUAD के वरिष्ठ प्रतिनिधियों की इस तरह की सार्वजनिक मुलाकातें चीन में बहुत कम होती हैं।


QUAD का हिंद-प्रशांत पर संदेश

डेविड परड्यू ने कहा कि चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक शक्ति है। उन्होंने चारों देशों के बीच संबंधों को स्थिर और मजबूत बताया। परड्यू के अनुसार, बीजिंग में यह बैठक आपसी सहयोग और साझा रणनीतिक सोच को दर्शाती है, जिससे यह संकेत मिलता है कि QUAD देश अपने दृष्टिकोण पर एकजुट हैं।


चीन की प्रतिक्रिया का इंतजार

चीन वर्षों से QUAD का विरोध करता आ रहा है। बीजिंग का तर्क है कि इस तरह के समूह गुटीय राजनीति और टकराव को बढ़ावा देते हैं। जनवरी में हुई QUAD विदेश मंत्रियों की बैठक पर भी चीन ने यही रुख अपनाया था। हालांकि, इस ताजा बैठक पर चीन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।


चीन के विदेश मंत्रालय की आपत्तियां

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग पहले कह चुकी हैं कि देशों के बीच सहयोग किसी तीसरे पक्ष के खिलाफ नहीं होना चाहिए। उनके अनुसार, समूह राजनीति एशिया-प्रशांत क्षेत्र में स्थायी शांति और स्थिरता के अनुकूल नहीं है। चीन का मानना है कि QUAD जैसे मंच क्षेत्रीय संतुलन को बिगाड़ सकते हैं, जबकि QUAD देश इसे सहयोग का मंच मानते हैं।


QUAD का सैन्य सहयोग

इसी बीच, QUAD सहयोग को सैन्य स्तर पर और मजबूत करने की चर्चा भी तेज हो गई है। खबर है कि भारत 80 सैन्य परिवहन विमान खरीदने पर विचार कर रहा है। अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने सी-130जे सुपर हरक्यूलिस को बेहतर विकल्प बताया है। कंपनी का दावा है कि इससे QUAD देशों के बीच सामरिक हवाई संचालन में भारत की भूमिका और मजबूत होगी।


भारत में उत्पादन की योजना

लॉकहीड मार्टिन ने भारत में सी-130जे विमानों के उत्पादन के लिए एक बड़ा केंद्र स्थापित करने की इच्छा जताई है। यह अमेरिका के बाहर पहली ऐसी वैश्विक सुविधा होगी। भारतीय वायु सेना पहले से 12 सी-130जे विमान संचालित करती है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान भी इसी विमान का उपयोग कर रहे हैं, जिससे QUAD के भीतर सैन्य सामंजस्य और बढ़ सकता है।