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बॉन्डी बीच पर आतंकी हमले में साहस का अद्भुत उदाहरण

सिडनी के बॉंडी बीच पर हुए एक आतंकवादी हमले ने 15 लोगों की जान ले ली, लेकिन बोरिस और सोफिया गुरमन जैसे नागरिकों ने अद्वितीय साहस का परिचय दिया। उन्होंने आतंकवादी का सामना किया, जिससे कई जिंदगियां बच गईं। यह कहानी केवल मृत्यु की नहीं, बल्कि मानवता और बलिदान की है। जानें इस साहसी दंपती की प्रेरणादायक कहानी।
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बॉन्डी बीच पर आतंकी हमले में साहस का अद्भुत उदाहरण

सिडनी में आतंकवादी हमले की घटना


नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में स्थित बॉंडि बीच पर हुए आतंकी हमले ने वैश्विक समुदाय को हिला कर रख दिया है। इस हमले में 15 लोगों की जान गई, लेकिन इस दुखद घटना के बीच कुछ आम नागरिकों ने अद्वितीय साहस का परिचय दिया है।


साहसिक कपल की कहानी

बोरिस और सोफिया गुरमन एक ऐसा कपल हैं, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना एक हथियारबंद आतंकवादी का सामना किया। उनकी कहानी केवल मृत्यु की नहीं, बल्कि मानवता, साहस और बलिदान की भी है।


खतरनाक संकेत और त्वरित निर्णय

रविवार की दोपहर, जब बोरिस और सोफिया कैंपबेल परेड पर टहल रहे थे, उन्होंने एक संदिग्ध कार देखी, जिस पर इस्लामिक स्टेट का झंडा था। 69 वर्षीय बोरिस ने तुरंत खतरे को भांप लिया और जैसे ही आतंकवादी साजिद अकरम कार से बाहर आया, उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के उस पर हमला कर दिया।


आतंकवादी से सीधी भिड़ंत

डैशकैम फुटेज में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि बोरिस ने आतंकवादी को सड़क पर गिरा दिया और उसकी राइफल छीन ली। इस दौरान 61 वर्षीय सोफिया भी पीछे नहीं रहीं और अपने पति के साथ मिलकर आतंकवादी को काबू करने की कोशिश करती रहीं। उनका उद्देश्य था कि हथियार को निष्क्रिय किया जाए ताकि और कोई जान न जाए।


खतरनाक मोड़ और भयावह परिणाम

कुछ समय तक बोरिस आतंकवादी पर हावी रहे, जबकि आसपास के लोग बस स्टॉप और गाड़ियों के पीछे छिप गए थे। लेकिन अफरातफरी के बीच आतंकवादी को एक और राइफल उठाने का मौका मिल गया। इसके बाद जो हुआ, वह बेहद भयानक था। नजदीकी फायरिंग में बोरिस और सोफिया दोनों को गोली लग गई।


एक-दूसरे की बाहों में अंतिम क्षण

प्रत्यक्षदर्शियों और ड्रोन फुटेज में यह देखा गया कि गोली लगने के बाद बोरिस और सोफिया एक-दूसरे को थामे जमीन पर गिर पड़े। 34 साल की शादी के बाद, उन्होंने एक-दूसरे की बाहों में अंतिम सांस ली। उनके परिवार ने कहा कि वे एक-दूसरे और अपने परिवार के प्रति अत्यंत समर्पित थे और उनकी कमी कभी पूरी नहीं हो सकेगी।


एक बलिदान जिसने कई जिंदगियां बचाईं

बोरिस एक रिटायर्ड मैकेनिक थे, जबकि सोफिया ऑस्ट्रेलिया पोस्ट में कार्यरत थीं। जांच एजेंसियों और स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि गुरमन दंपती और अन्य नागरिकों ने साहस नहीं दिखाया होता, तो मृतकों की संख्या कहीं अधिक हो सकती थी। उनका बलिदान बॉंडि बीच की त्रासदी में मानवता की सबसे उज्ज्वल मिसाल बन गया।