ब्रह्मोस मिसाइल का नया वर्जन: पाकिस्तान के लिए खतरा बढ़ा
ब्रह्मोस मिसाइल का प्रभाव
जब भी ब्रह्मोस मिसाइल का नाम लिया जाता है, पाकिस्तान में हलचल मच जाती है। यह वही मिसाइल है जिसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के छह एयरबेस को नष्ट कर दिया था। ब्रह्मोस का नया वर्जन, जिसे रीलोडेड कहा जाता है, अब 800 किमी तक मारक क्षमता रखता है। पहले इसकी रेंज 300 किमी थी, और तब भी इसने पाकिस्तान में भारी तबाही मचाई थी। अब, नई ब्रह्मोस मिसाइल के आने से दिल्ली से इस्लामाबाद को निशाना बनाना संभव होगा।
नई रेंज और क्षमताएँ
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के एयरबेस को नष्ट करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल का नया संस्करण जल्द ही पेश किया जाएगा। इसकी रेंज, गति और प्रहार क्षमता को बेहतर बनाया जा रहा है। वर्तमान में, ब्रह्मोस की रेंज 300 किमी है, लेकिन नए वर्जन की रेंज 450 किमी से 800 किमी तक होगी। वायुसेना के लिए इसका हल्का वर्जन भी विकसित किया जा रहा है, जो सुखोई एमकेआई 30 के अंडरबेली में लगाया जाएगा। इसके ग्राउंड ट्रायल की तैयारी चल रही है।
2016 से चल रही विकास प्रक्रिया
ब्रह्मोस को दुनिया की सबसे तेज और घातक मिसाइलों में से एक माना जाता है। यह दागो और भूल जाओ तकनीक पर आधारित है और मैक 3.0 की गति से हमला करती है। 2016 में, ब्रह्मोस एयरोस्पेस मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम का सदस्य बना, जिसके बाद इसकी रेंज बढ़ाने का कार्य शुरू हुआ। अब, ऑपरेशन सिंदूर के बाद, ब्रह्मोस की रेंज को 450, 600 और 800 किमी तक बढ़ाने के लिए नए वर्जन पर काम चल रहा है।
दागो और भूल जाओ तकनीक
ब्रह्मोस के नए वर्जन का पहला परीक्षण 2027 के अंत तक किया जा सकता है। इस खबर ने पाकिस्तान में चिंता बढ़ा दी है। ब्रह्मोस को दुनिया की सबसे तेज और घातक क्रूज मिसाइलों में गिना जाता है। यह दागो और भूल जाओ तकनीक पर काम करती है और साउंड की स्पीड से तीन गुना तेज़ी से लक्ष्य पर हमला करती है। एक ब्रह्मोस मिसाइल से ही पाकिस्तान को पूरी तरह से नष्ट करने की क्षमता है।
