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ब्राजील में रियो दि जेनेरियो का ऐतिहासिक पुलिस अभियान: क्या है असली कहानी?

ब्राजील के रियो दि जेनेरियो में हाल ही में हुए एक बड़े पुलिस अभियान ने शहर में हिंसा और मानवाधिकारों के मुद्दों को जन्म दिया है। इस ऑपरेशन में 2,500 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल थे, लेकिन इसके परिणामस्वरूप हुई मौतों की संख्या ने स्थानीय लोगों को विरोध प्रदर्शन के लिए मजबूर कर दिया। जानें इस घटना के पीछे के कारण और सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया के बारे में।
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ब्राजील में रियो दि जेनेरियो का ऐतिहासिक पुलिस अभियान: क्या है असली कहानी?

रियो दि जेनेरियो में पुलिस का बड़ा ऑपरेशन


नई दिल्ली: मंगलवार की सुबह, ब्राजील के रियो दि जेनेरियो में एक अभूतपूर्व पुलिस अभियान का आयोजन किया गया। इस ऑपरेशन में लगभग 2,500 पुलिसकर्मी और सैन्य बल शामिल हुए, जिन्होंने उत्तरी क्षेत्र के फैवेलों में ड्रग गिरोह रेड कमांड के खिलाफ छापेमारी की। इसे शहर और देश की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हालांकि, इस कार्रवाई के दौरान हुई हिंसा और मृतकों की संख्या इतनी बढ़ गई कि स्थानीय लोगों ने इसे नरसंहार का नाम दे दिया। शव सड़कों पर पड़े मिले, प्रदर्शन हुए और मानवाधिकार संगठनों ने तुरंत जांच की मांग की।


छापेमारी का कारण

पुलिस ने रविवार सुबह 4 बजे के आसपास Complexo do Alemão और Penha फैवेला क्षेत्रों में रेड कमांड के खिलाफ इस बड़े अभियान की शुरुआत की। अधिकारियों का कहना है कि यह अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन है। रेड कमांड पर आरोप है कि वह हथियारबंद ड्रग व्यापार, सामाजिक ब्लैकमेलिंग और स्थानीय इलाकों में दखल दे रहा था।


मौतों की संख्या और विरोध प्रदर्शन

अपराधी समूहों और पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ के बाद मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। प्रारंभिक सरकारी आंकड़ों के अनुसार, कम से कम 64 लोग मारे गए, जिनमें चार पुलिसकर्मी भी शामिल थे। बाद में, सार्वजनिक रक्षक कार्यालय ने मृतकों की संख्या 132 से अधिक बताई। इसके बाद, स्थानीय निवासियों ने शवों को सड़कों पर रखकर विरोध प्रदर्शन किया।


पुलिस और गिरोह की प्रतिक्रिया

राज्य के गवर्नर Cláudio Castro ने इसे नार्को-आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई करार दिया। पुलिस का कहना है कि रेड कमांड ने ड्रोन और बैरिकेड्स का उपयोग किया ताकि ऑपरेशन को विफल किया जा सके।


सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई

इस घटना के कानूनी और मानवाधिकार पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। अगले सोमवार को राज्यपाल, सैन्य और सिविल पुलिस प्रमुखों के साथ सुनवाई निर्धारित की गई है।