ब्रिटेन में एयर ट्रैफिक कंट्रोल में तकनीकी खराबी से 100 से अधिक उड़ानें रद्द

ब्रिटेन एयर ट्रैफिक कंट्रोल में समस्या
ब्रिटेन एयर ट्रैफिक कंट्रोल: आज की तकनीक ने हवाई यात्रा को बेहद सरल बना दिया है। अब लोग कुछ ही घंटों में एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंच सकते हैं। सड़क पर ट्रैफिक की समस्या को सुलझाने के लिए पुलिस तैनात रहती है, लेकिन क्या आसमान में भी ट्रैफिक की समस्या होती है? इतनी सारी उड़ानों का संचालन कैसे होता है, और यदि एयर ट्रैफिक कंट्रोल में कोई गड़बड़ी हो जाए तो क्या होगा? हाल ही में ब्रिटेन में इसी तरह की एक समस्या उत्पन्न हुई, जिसके कारण 100 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
एयर ट्रैफिक कंट्रोल में तकनीकी खराबी
हाल ही में खबर आई कि ब्रिटेन में एयर ट्रैफिक कंट्रोल में तकनीकी खराबी के कारण उड़ानों का संचालन रोकना पड़ा। इस समस्या के चलते 100 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं। रिपोर्टों के अनुसार, यह खराबी लंदन के दक्षिण-पश्चिम स्थित कंट्रोल सेंटर में हुई थी। हालांकि, बाद में यह बताया गया कि समस्या कुछ समय बाद हल कर दी गई थी।
एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम का कार्य
आसमान में हर घंटे हजारों उड़ानें होती हैं, जिनमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों प्रकार की उड़ानें शामिल होती हैं। एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विमान आपस में टकराएं नहीं। यदि उड़ान से संबंधित कोई समस्या आती है, तो कनेक्शन टूटने के कारण बड़ा हादसा हो सकता है। इसलिए कई बार उड़ानों को रोकने का निर्णय लिया जाता है।
कई विभागों का सहयोग
मौसम की जानकारी और उड़ान के मार्ग की स्थिति की जांच के लिए कई विभाग मिलकर काम करते हैं। एक उड़ान के संचालन के लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम के अंतर्गत कमांड सेंटर, एयर रूट ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर, एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर, टर्मिनल रडार अप्रोच कंट्रोल और फ्लाइट सर्विस स्टेशन (FSS) शामिल होते हैं। उड़ान का कैप्टन अपनी समस्या के अनुसार विभिन्न सेंटर्स से संपर्क कर सकता है। यदि इनमें से किसी एक का कनेक्शन उड़ान से टूट जाता है, तो यह आपात स्थिति में समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।