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ब्रिटेन में कोविड-19 जांच रिपोर्ट से बोरिस जॉनसन की नीतियों पर सवाल

ब्रिटेन की कोविड-19 जांच रिपोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की नीतियों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी देरी और गलत निर्णयों के कारण लगभग 23,000 अतिरिक्त मौतें हुईं। स्वतंत्र पैनल द्वारा की गई इस जांच में महामारी के दौरान सरकार की विफलताओं का उल्लेख किया गया है। जानें रिपोर्ट में क्या सिफारिशें की गई हैं और भविष्य में ऐसी गलतियों से बचने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए।
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ब्रिटेन में कोविड-19 जांच रिपोर्ट से बोरिस जॉनसन की नीतियों पर सवाल

ब्रिटेन की कोविड-19 रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य

ब्रिटेन की कोविड-19 जांच रिपोर्ट में एक महत्वपूर्ण खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की देरी और गलत निर्णयों के कारण लगभग 23,000 अतिरिक्त मौतें हुईं। यह जांच एक स्वतंत्र पैनल द्वारा की गई, जिसकी अध्यक्षता पूर्व जज हीथर हैलेट ने की। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि महामारी की शुरुआत में सरकार स्थिति की गंभीरता को समझने में असफल रही।



जॉनसन वायरस के प्रति भ्रमित थे और उनके निर्णय बार-बार बदलते रहे। इस कारण लॉकडाउन में देरी हुई, जिसका सीधा प्रभाव मौतों की संख्या पर पड़ा। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ब्रिटेन ने 16 मार्च 2020 को लॉकडाउन लागू किया होता, तो पहली लहर में होने वाली मौतों में 48% की कमी संभव थी। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि उस समय सरकार के भीतर का माहौल अत्यंत अव्यवस्थित और विषाक्त था।


कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक सलाहों को नजरअंदाज किया गया। सरकार के उच्च अधिकारियों के बीच सामंजस्य की कमी थी और कई निर्णय राजनीतिक दबाव के तहत लिए गए। कोविड-19 के दौरान जॉनसन सरकार पर पहले भी कई विवाद उठ चुके हैं, जैसे डाउनिंग स्ट्रीट में लॉकडाउन के दौरान पार्टियों का आयोजन, जिसके लिए जॉनसन की कड़ी आलोचना हुई। इसके अलावा, उस समय के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक और पूर्व शीर्ष सलाहकार डॉमिनिक कमींग्स पर भी गंभीर सवाल उठे।


रिपोर्ट में भविष्य की महामारियों से निपटने के लिए 19 महत्वपूर्ण सिफारिशें की गई हैं। इनमें वैज्ञानिक सलाह को प्राथमिकता देना, स्पष्ट कमांड चेन बनाना, महामारी की प्रारंभिक चेतावनियों पर त्वरित कार्रवाई करना और स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करना शामिल है। जांच समिति का मानना है कि ब्रिटेन को कोविड-19 से महत्वपूर्ण सबक लेना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी गलतियों को दोहराने से बचा जा सके।