भारत-अमेरिका संबंध: सर्जियो गोर ने व्यापारिक मुद्दों पर दी नई जानकारी

सर्जियो गोर का बयान
अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर: भारत में अगला अमेरिकी राजदूत बनने के लिए नामित सर्जियो गोर ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ के मुद्दे पर कोई गंभीर मतभेद नहीं हैं। उन्होंने यह भी बताया कि व्यापार से संबंधित समस्याओं का समाधान आने वाले हफ्तों में संभव है। इसके साथ ही, उन्होंने स्पष्ट किया कि ट्रंप प्रशासन भारत से रूसी तेल की खरीद को समाप्त करने की उम्मीद करता है।
गोर, जो व्हाइट हाउस के राष्ट्रपति कार्मिक कार्यालय के निदेशक भी हैं, ने कहा कि दोनों देशों के रणनीतिक हित लंबे समय तक समान रहे हैं और चीन की तुलना में भारत-अमेरिका के संबंध कहीं अधिक मजबूत हैं।
व्यापारिक मुद्दों का समाधान
व्यापारिक मसले जल्द सुलझेंगे
सीनेट समिति के समक्ष अपने बयान में, सर्जियो गोर ने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ के मुद्दों में कोई बड़ा मतभेद नहीं है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ये मुद्दे अगले कुछ हफ्तों में सुलझ जाएंगे। गोर ने यह भी कहा कि दोनों देशों के दीर्घकालिक लक्ष्यों में समानता है और व्यापार, सुरक्षा और रणनीतिक साझेदारी में निकटता बढ़ रही है।
रूसी तेल पर भारत की स्थिति
भारत को रूसी तेल खरीद पर पुनर्विचार करना होगा
गोर ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत को रूस से तेल खरीदने पर विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि भारत को रूसी तेल की खरीद बंद करनी चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने स्वीकार किया कि ब्रिक्स समूह में कई मुद्दों पर भारत ने अमेरिका के दृष्टिकोण का समर्थन किया है।
भारत-अमेरिका संबंधों का महत्व
भारत के साथ संबंधों की रणनीतिक अहमियत
सर्जियो गोर ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच के संबंध वर्तमान में अत्यंत महत्वपूर्ण और रणनीतिक बन गए हैं। उन्होंने कहा कि इन संबंधों की गहराई आने वाले वर्षों में वैश्विक राजनीति की दिशा को प्रभावित कर सकती है।
मार्को रुबियो का समर्थन
अमेरिकी विदेश मंत्री का समर्थन
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सर्जियो गोर का सीनेट समिति के सामने परिचय कराया और भारत-अमेरिका संबंधों की महत्वपूर्णता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध भविष्य में दुनिया के नक्शे को निर्धारित करेंगे। रुबियो ने यह भी कहा कि 21वीं सदी की कहानी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में लिखी जाएगी और भारत इस क्षेत्र का केंद्र है। इसी कारण हमने इंडो-पैसिफिक कमांड को महत्व दिया है।
रुबियो के अनुसार, भारत के साथ अमेरिका के संबंध असाधारण बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं और यूक्रेन संकट सहित कई क्षेत्रीय मुद्दों पर मिलकर काम करने की आवश्यकता है।