Newzfatafatlogo

भारत-अमेरिका संबंधों पर ट्रंप की सकारात्मक सोच: व्हाइट हाउस

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप भारत-अमेरिका संबंधों के भविष्य को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं। उन्होंने हाल ही में दिवाली समारोह में भाग लिया और प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत की। ट्रंप ने भारत की ऊर्जा नीति पर भी टिप्पणी की है, जिसमें उन्होंने रूस से तेल खरीद में कमी की बात की। जानें इस संबंध में और क्या कहा गया है और कैसे यह दोनों देशों के बीच संबंधों को प्रभावित कर सकता है।
 | 
भारत-अमेरिका संबंधों पर ट्रंप की सकारात्मक सोच: व्हाइट हाउस

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव का बयान

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और अमेरिका के बीच संबंधों के भविष्य को लेकर 'बहुत सकारात्मक' दृष्टिकोण रखते हैं।


लेविट ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मुझे लगता है कि राष्ट्रपति इस मामले में बहुत सकारात्मक और दृढ़ हैं।' उन्होंने यह भी बताया कि कुछ हफ्ते पहले ट्रंप ने दिवाली के अवसर पर ओवल ऑफिस में कई वरिष्ठ भारतीय-अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात की थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की थी।


भारत में अमेरिका के राजदूत की सराहना

उन्होंने यह भी कहा कि भारत में अमेरिका के राजदूत सर्जियो गोर 'बेहतरीन' प्रतिनिधि हैं, जो वाशिंगटन का प्रभावी प्रतिनिधित्व करेंगे।


लेविट ने आगे कहा, 'राष्ट्रपति और उनकी व्यापारिक टीम भारत के साथ महत्वपूर्ण चर्चाएँ कर रही है। ट्रंप प्रधानमंत्री मोदी का बहुत सम्मान करते हैं और दोनों के बीच नियमित संवाद होता है।'


दिवाली समारोह में ट्रंप की भागीदारी

पिछले महीने, ट्रंप ने ओवल ऑफिस में दिवाली समारोह का आयोजन किया, जिसमें भारत के राजदूत विनय क्वात्रा और कई प्रमुख भारतीय-अमेरिकी कारोबारी नेता शामिल हुए।


ट्रंप ने मोदी को फोन पर दिवाली की शुभकामनाएं दी थीं, जिस पर मोदी ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि भारत और अमेरिका मिलकर दुनिया को आशा की किरण देंगे और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहेंगे।


भारत-अमेरिका संबंधों पर ट्रंप की टिप्पणी

लेविट की टिप्पणी पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के उस बयान के कुछ दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ने रूसी तेल की खरीद में कमी की है।


ट्रंप ने अपने हालिया एशिया दौरे के दौरान नई दिल्ली को इस मुद्दे पर 'बहुत अच्छा' बताया था। यह टिप्पणी प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ट्रंप को आश्वासन देने के संदर्भ में आई है कि भारत मास्को से कच्चे तेल के आयात को नियंत्रित करेगा।


भारत की ऊर्जा नीति पर प्रतिक्रिया

ट्रंप के बयान यूक्रेन में चल रहे युद्ध के बीच रूस को आर्थिक रूप से अलग-थलग करने के उनके प्रयासों का हिस्सा हैं।


इस महीने की शुरुआत में, भारत के विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश के ऊर्जा संबंधी निर्णय पूरी तरह से राष्ट्रीय हितों और उपभोक्ता कल्याण को ध्यान में रखकर लिए जाते हैं।


भारत-अमेरिका व्यापार संबंध

भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण के लिए अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है।


हालांकि, अगस्त में वाशिंगटन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत का भारी शुल्क लगाने के निर्णय के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ गया है।


नई दिल्ली ने इस कदम की आलोचना करते हुए इसे 'अनुचित और अविवेकपूर्ण' बताया था, जबकि ट्रंप ने अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों को 'एकतरफा आपदा' कहा।