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भारत-ईयू व्यापार समझौते की वार्ता में निर्णायक मोड़

भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की वार्ता निर्णायक मोड़ पर है। 40 सदस्यीय यूरोपीय संघ की वार्ताकार टीम दिल्ली पहुंच रही है, जिससे इस समझौते की प्रगति में तेजी आने की उम्मीद है। दोनों पक्षों ने 23 बिंदुओं में से 11 पर सहमति बना ली है। जानें इस महत्वपूर्ण वार्ता का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
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भारत-ईयू व्यापार समझौते की वार्ता में निर्णायक मोड़

मुक्त व्यापार समझौते पर निर्णायक दौर की वार्ता संभव


India-EU Trade Deal, नई दिल्ली : वैश्विक व्यापारिक परिदृश्य में बदलाव के चलते, भारत अपने अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंधों को लगातार विकसित कर रहा है। वर्तमान में, भारत अमेरिका और यूरोपीय संघ सहित 50 देशों के साथ व्यापार समझौतों पर चर्चा कर रहा है। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण भारत और यूरोपीय संघ के बीच चल रही व्यापार वार्ता है, जो अब अंतिम चरण में पहुँच चुकी है। दोनों पक्षों ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए 23 बिंदुओं में से 11 पर सहमति बना ली है, और शेष बिंदुओं पर भी जल्द ही सहमति बनने की उम्मीद है।


निर्णायक वार्ता करेगा 40 सदस्यीय दल

भारत और यूरोपीय संघ के बीच एफटीए पर बातचीत अब निर्णायक चरण में पहुँच रही है। इस संदर्भ में, यूरोपीय संघ की 40 सदस्यीय वार्ताकार टीम गुरुवार को दिल्ली पहुँच रही है। यह दौरा दोनों पक्षों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारत-ईयू एफटीए वार्ता को 2022 में पुनः आरंभ किया गया था। भारत में ईयू के राजदूत हर्वे डेल्फिन ने बुधवार को कहा कि मौजूदा बातचीत एक नए चरण में प्रवेश कर चुकी है, जिसे ईयू-इंडिया एफटीए नेगोशिएशन 2.0 कहा जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस समझौते को पुराने दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए, क्योंकि वैश्विक परिस्थितियाँ और प्राथमिकताएँ बदल चुकी हैं।


भारत और ईयू विश्व जीडीपी का 25 प्रतिशत

डेल्फिन ने यह भी कहा कि वैश्विक व्यापार तनाव और बढ़ते टैरिफ विवादों ने एक विश्वसनीय, नियम-आधारित ढांचे की आवश्यकता को और बढ़ा दिया है। उन्होंने बताया कि भारत और यूरोपीय संघ मिलकर विश्व जीडीपी का 25 प्रतिशत और वैश्विक जनसंख्या का 25 प्रतिशत हिस्सा हैं, इसलिए दोनों के बीच एफटीए वैश्विक अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। राजदूत के अनुसार, यूरोपीय संघ के एफटीए ने हमेशा व्यापार, निवेश और रोजगार को बढ़ाने में मदद की है और यह समझौता भी दोनों के लिए लाभकारी साबित होगा।