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भारत और अमेरिका के बीच 10 साल का रक्षा समझौता

भारत और अमेरिका ने एक महत्वपूर्ण 10 वर्षीय रक्षा ढांचा समझौता किया है, जो दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग और तकनीकी साझेदारी को बढ़ावा देगा। इस समझौते के तहत, अमेरिका भारत को उन्नत रक्षा तकनीक प्रदान करेगा, जिससे संयुक्त अनुसंधान और उत्पादन संभव होगा। यह डील भारत को कई लाभ प्रदान करेगी, जिसमें सैन्य सहयोग में वृद्धि और नई तकनीकों का साझा करना शामिल है। जानें इस समझौते के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
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भारत और अमेरिका के बीच 10 साल का रक्षा समझौता

भारत और अमेरिका का नया रक्षा समझौता

भारत और अमेरिका ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण 10 वर्षीय रक्षा ढांचा समझौता किया है, जिसके तहत दोनों राष्ट्र अगले दशक में सैन्य सहयोग, तकनीकी साझेदारी और संयुक्त उत्पादन को बढ़ावा देंगे।



यह समझौता कुआलालंपुर में संपन्न हुआ, जहां भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने इस पर हस्ताक्षर किए। दोनों नेता ASEAN रक्षा मंत्रियों की बैठक (ADMM-Plus) में शामिल हो रहे थे।


इस समझौते के अंतर्गत, अमेरिका भारत को अपनी उन्नत रक्षा तकनीक प्रदान करेगा, जिससे दोनों देश ड्रोन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हथियार और अन्य आधुनिक रक्षा प्रणालियों पर संयुक्त अनुसंधान और उत्पादन कर सकेंगे।


रिपोर्टों के अनुसार, इस डील से भारत को चार प्रमुख लाभ मिलेंगे —



  1. सैन्य सहयोग में वृद्धि: दोनों देशों की सेनाएं संयुक्त प्रशिक्षण और अभ्यास करेंगी।

  2. संयुक्त उत्पादन: आधुनिक हथियारों और उपकरणों का सामूहिक निर्माण होगा।

  3. तकनीकी साझेदारी: अमेरिका भारत को नई रक्षा तकनीक प्रदान करेगा।

  4. सूचना साझा करना: खुफिया एजेंसियां सुरक्षा सूचनाएं साझा करेंगी।


अमेरिकी रक्षा सचिव हेगसेथ ने X पर लिखा कि मैंने राजनाथ सिंह के साथ 10 साल का रक्षा समझौता किया है, जो हमारी साझेदारी को और मजबूत करेगा। यह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


राजनाथ सिंह ने कहा कि यह समझौता भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ को सुदृढ़ करेगा और ASEAN देशों के साथ रक्षा सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।