भारत और अमेरिका के बीच कूटनीतिक तनाव: ट्रंप की चेतावनी पर जयशंकर का जवाब
भारत और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव
हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच कूटनीतिक संबंधों में एक नया मोड़ आया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को चेतावनी दी है कि वह टैरिफ बढ़ा सकते हैं। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदकर उसे लाभ के साथ बेच रहा है, जिसके कारण अमेरिका को भारत से आयात पर अतिरिक्त शुल्क लगाना चाहिए।इस बार भारत ने चुप्पी नहीं साधी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस चेतावनी का स्पष्ट जवाब देते हुए कहा कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए किसी भी बाहरी दबाव के आगे नहीं झकेगा।
दिल्ली में BIMSTEC ट्रेडिशनल म्यूज़िक फेस्टिवल ‘सप्तसुर’ के दौरान जयशंकर ने ट्रंप के बयान पर बिना नाम लिए तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा, "हम ऐसे समय में जी रहे हैं जहां वैश्विक शक्ति संतुलन का पुनर्निर्धारण हो रहा है। यह समय कुछ शक्तियों की प्रभुत्ववादी सोच को चुनौती देने का है। भारत अपनी संस्कृति और संप्रभुता से प्रेरित होकर नीतियां बनाता है, न कि किसी की धमकियों से।" इस बयान को भारत की विदेश नीति में आत्मविश्वास और बदलाव का प्रतीक माना जा रहा है।
रूस ने भी भारत के समर्थन में अपनी राय रखी। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़ाखारोवा ने अमेरिकी नीतियों को 'राजनीतिक दबाव की रणनीति' बताया और कहा कि अमेरिका अब वैश्विक नेतृत्व की दौड़ में पिछड़ रहा है। उन्होंने कहा, “टैरिफ वॉर और प्रतिबंधों से वैश्विक बहुध्रुवीय व्यवस्था को नहीं रोका जा सकता। BRICS और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाएं इस नई विश्व व्यवस्था की धुरी बन रही हैं।”
भारत के विदेश मंत्रालय ने ट्रंप की टिप्पणी को 'निराधार और अनुचित' बताते हुए कहा कि भारत की ऊर्जा नीति पूरी तरह से राष्ट्रीय हितों पर केंद्रित है। भारत अपने नागरिकों को सस्ती और स्थिर ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए हर संभव कदम उठाएगा, चाहे वह किसी भी वैश्विक दबाव के खिलाफ क्यों न हो।