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भारत और अमेरिका के रिश्तों में गिरावट: क्या है असली वजह?

भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में हाल के वर्षों में गिरावट आई है, जो व्यापार टैरिफ विवाद का परिणाम माना जा रहा है। एक जर्मन समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी ने ट्रंप के चार फोन कॉल का जवाब नहीं दिया, जो भारत की बदलती विदेश नीति को दर्शाता है। भारत अब चीन, रूस और ब्राजील जैसे देशों के साथ नए गठजोड़ बनाने की कोशिश कर रहा है। क्या भारत अमेरिका का मोहरा बनने से इनकार कर रहा है? जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और अधिक।
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भारत और अमेरिका के रिश्तों में गिरावट: क्या है असली वजह?

भारत और अमेरिका के संबंधों में तनाव

नई दिल्ली: क्या भारत और अमेरिका, जो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं, के बीच संबंध हाल के वर्षों में अपने सबसे खराब दौर में पहुंच गए हैं? यह सवाल एक प्रमुख जर्मन समाचार पत्र की रिपोर्ट के बाद उठ रहा है, जिसमें कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए व्यापार टैरिफ का भारत ने कड़ा जवाब दिया है और दोनों देशों के बीच संवाद लगभग समाप्त हो चुका है।


जर्मन समाचार पत्र की रिपोर्ट

जर्मन समाचार पत्र ‘Frankfurter Allgemeine Zeitung’ ने अपनी एक विस्तृत रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला दावा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से व्यापार विवाद पर चर्चा करने के लिए चार बार फोन किया, लेकिन मोदी ने कोई जवाब नहीं दिया। यह भारत की बदलती विदेश नीति का संकेत माना जा रहा है, जिसमें मोदी सरकार अब अमेरिकी दबाव के आगे झुकने को तैयार नहीं है।


भारत का नया गठजोड़

रिपोर्ट में हेंड्रिक अंकेनब्रांड, विनांड वॉन पीटर्सडॉर्फ और गुस्ताव थाइले ने लिखा है कि भारत अब चीन, रूस और ब्राजील जैसे देशों के साथ एक नया गठजोड़ बनाने की कोशिश कर रहा है, जिससे वह ट्रंप प्रशासन को अधिक महत्व नहीं देना चाहता।


चीन के साथ संबंधों में सुधार

अखबार ने भारत की विदेश नीति में आए बदलाव को चीन के साथ बेहतर होते रिश्तों के रूप में देखा है। रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत ने उस चीन के साथ भी रिश्ते सुधारने शुरू कर दिए हैं, जिसके साथ 2020 में लद्दाख में सैन्य झड़प हुई थी।”


भारत की स्वतंत्रता की नीति

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका चाहता है कि भारत चीन को अलग-थलग करने के लिए उसके साथ मजबूती से खड़ा हो, लेकिन भारत अमेरिका का ‘मोहरा’ नहीं बनना चाहता। अखबार ने लिखा है, “भारत का मानना है कि अमेरिका के साथ दोस्ती पर भरोसा नहीं किया जा सकता।” इसी नीति के तहत भारत ने अमेरिकी मांगों को नजरअंदाज करते हुए न केवल कृषि बाजार खोलने से मना किया, बल्कि रूस और ईरान से सस्ता तेल खरीदने का भी निर्णय लिया।


पीएम मोदी की व्हाइट हाउस यात्रा

रिपोर्ट में इस साल फरवरी में पीएम मोदी की व्हाइट हाउस यात्रा का भी उल्लेख किया गया है। अखबार के अनुसार, “ट्रंप ने मोदी को ‘महान नेता’ कहा, लेकिन जब तस्वीरें खिंचवाने का समय आया तो मोदी मुस्कुराए नहीं। ट्रंप ने अपने व्यक्तिगत रिश्तों का हवाला दिया, लेकिन मोदी ने इसे केवल एक ‘रणनीतिक यात्रा’ करार दिया। यह दर्शाता है कि भारतीय नेतृत्व अमेरिकी इरादों के प्रति कितना सतर्क है।”