भारत और जॉर्डन के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में पीएम मोदी की पहल
जॉर्डन में भारतीय कंपनियों के लिए नए अवसर
भारतीय कंपनियों को जॉर्डन में दवा और चिकित्सा उपकरण बनाने के लिए आमंत्रित किया गया है। इससे न केवल जॉर्डन के नागरिकों को लाभ होगा, बल्कि यह पश्चिम एशिया और अफ्रीका के लिए भी एक विश्वसनीय केंद्र बन सकता है। हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी की जॉर्डन यात्रा के दौरान, व्यापारियों की एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें उन्होंने भारत और जॉर्डन के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने पर जोर दिया।
मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि भारत एक विश्वसनीय सप्लाई चेन का हिस्सा है, और जॉर्डन के साथ जुड़ने से व्यापारियों को अफ्रीका और यूरोप तक सीधी पहुंच मिलेगी।
भारत की अर्थव्यवस्था और जॉर्डन के साथ साझेदारी
पीएम मोदी ने सभा में कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने जॉर्डन की कंपनियों को भारत के 1.4 अरब उपभोक्ताओं के बाजार का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया। मोदी ने भारत की 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर का उल्लेख करते हुए कहा कि यह उत्पादकता-आधारित नीतियों और नवाचार-प्रेरित विकास के कारण संभव हो पाया है।
उन्होंने जॉर्डन के साथ द्विपक्षीय व्यापार को अगले पांच वर्षों में दोगुना करके पांच अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का प्रस्ताव रखा।
व्यापारिक सहयोग के नए क्षेत्र
मोदी ने डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी, और कृषि प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में भारत-जॉर्डन व्यापार सहयोग के अवसरों का उल्लेख किया। उन्होंने दोनों देशों के स्टार्टअप को इन क्षेत्रों में सहयोग करने के लिए आमंत्रित किया।
भारत की औषधि और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में ताकत और जॉर्डन के भौगोलिक लाभ के बारे में बात करते हुए, मोदी ने कहा कि दोनों देश एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं।
व्यापार मंच में भागीदारी
भारत-जॉर्डन व्यापार मंच में स्वास्थ्य, औषधि, कृषि, और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों के उद्योगपतियों ने भाग लिया। इस मंच के माध्यम से दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पहले से ही एक समझौता किया गया है।
