भारत की कड़ी प्रतिक्रिया: थाईलैंड में भगवान विष्णु की प्रतिमा का ध्वस्त होना
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर भगवान विष्णु की मूर्ति को नष्ट किए जाने पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि इस प्रकार के अपमानजनक कृत्य न केवल स्थानीय निवासियों बल्कि विश्वभर के अनुयायियों की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाते हैं।
सैन्य झड़पों के बाद मूर्ति का ध्वस्त होना
सोमवार को थाईलैंड की सेना ने भगवान विष्णु की प्रतिमा को ध्वस्त कर दिया, जो कि दो सप्ताह से अधिक समय तक चले सैन्य संघर्ष के बाद हुआ। यह मूर्ति 2014 में स्थापित की गई थी और स्थानीय लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल मानी जाती थी।
रणधीर जायसवाल का बयान
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह मूर्ति केवल एक धार्मिक प्रतीक नहीं थी, बल्कि यह क्षेत्र की सांस्कृतिक और सभ्यतागत धरोहर का हिस्सा थी। उन्होंने बताया कि हिंदू और बौद्ध परंपराओं से जुड़े देवी-देवताओं की पूजा इस क्षेत्र में अत्यधिक श्रद्धा के साथ की जाती है।
Our response to media queries regarding the demolition of Hindu deity statue ⬇️
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) December 24, 2025
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उन्होंने कहा, "हमने हाल ही में एक हिंदू धार्मिक मूर्ति के ध्वस्त होने की रिपोर्ट देखी है, जो थाईलैंड-कंबोडिया सीमा विवाद से प्रभावित क्षेत्र में स्थित है।"
क्षेत्रीय दावों पर भारत का दृष्टिकोण
विदेश मंत्रालय ने कहा कि, "क्षेत्रीय दावों के बावजूद, ऐसे अपमानजनक कार्य विश्वभर के अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं और इसे रोका जाना चाहिए।" उन्होंने दोनों पक्षों से बातचीत और कूटनीति के माध्यम से शांति बहाल करने का आग्रह किया।
बुलडोजर से गिराई गई मूर्ति
भगवान विष्णु की मूर्ति को थाई सैन्य इंजीनियरों ने बुलडोजर की मदद से गिराया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया है, जिसके चलते कई देशों में लोगों ने नाराजगी व्यक्त की है। हालांकि, थाई अधिकारियों की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
कंबोडिया की प्रतिक्रिया
कंबोडिया ने विवादित सीमा क्षेत्र में स्थित हिंदू मूर्ति के नष्ट होने पर थाईलैंड की कड़ी आलोचना की थी। कंबोडिया के प्रेह विहार प्रांत के प्रवक्ता किम चानपन्हा ने बताया कि यह मूर्ति उनके क्षेत्र के भीतर स्थित थी।
जुलाई में शुरू हुआ तनाव
दक्षिण-पूर्व एशिया के इन दोनों पड़ोसी देशों के बीच इस साल जुलाई में सीमा पर तनाव बढ़ा था। हालांकि, जुलाई में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से दोनों देशों ने युद्धविराम पर सहमति जताई थी, लेकिन हाल के दिनों में संघर्ष फिर से भड़क उठा है।
