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भारत की नई सैन्य रणनीति: पाकिस्तान और चीन के खिलाफ तैयारी

अमेरिकी सैन्य विशेषज्ञों के अनुसार, भारत की सैन्य रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव आया है, जिससे वह पाकिस्तान और चीन दोनों के खिलाफ एक साथ युद्ध की तैयारी कर रहा है। इस बदलाव का मुख्य कारण आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई नीति है, जो अब संयमित कार्रवाई के बजाय निर्णायक सैन्य कार्रवाई पर केंद्रित है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारत ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी खतरे का सामना करने के लिए तैयार है। जानें इस नई रणनीति के प्रभाव और इसके पीछे के कारणों के बारे में।
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भारत की नई सैन्य रणनीति: पाकिस्तान और चीन के खिलाफ तैयारी

भारत की सैन्य रणनीति में बदलाव


नई दिल्ली: अमेरिकी सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की सैन्य नीति में महत्वपूर्ण बदलाव आया है, जिससे देश अब पाकिस्तान और चीन दोनों के खिलाफ एक साथ युद्ध की तैयारी कर रहा है। उनके अनुसार, भारत ने रणनीतिक संयम की नीति को छोड़ दिया है और अब किसी भी आतंकवादी हमले को केवल कानून व्यवस्था की समस्या नहीं, बल्कि युद्ध की स्थिति मानता है।


भारत की नई रणनीति का परिचय

यह परिवर्तन 2025 में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्पष्ट रूप से देखा गया। विशेषज्ञ जॉन स्पेंसर और लॉरेन डेगन एमॉस के अनुसार, भारत पहले आतंकवाद के खिलाफ सीमित और संयमित कार्रवाई करता था, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान के साथ तनाव को बढ़ने से रोकना था, लेकिन इस नीति का विपरीत प्रभाव पड़ा।


भारत की नई सैन्य रणनीति के तत्व

पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा समर्थित आतंकवादी समूहों ने इस संयम का लाभ उठाया, जिससे वे सीमा पार आतंकवाद फैलाते रहे। विशेषज्ञों का कहना है कि यह पैटर्न कई वर्षों से विकसित हो रहा था। ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारत ने स्पष्ट कर दिया कि उसकी रणनीति अब बदल चुकी है। इस ऑपरेशन में लंबी दूरी की फायरिंग क्षमता, ड्रोन स्वार्म, लूटिरिंग म्यूनिशन और वास्तविक समय की खुफिया जानकारी का उपयोग किया गया। इससे यह संदेश गया कि भारत अब पूर्व निर्धारित और निर्णायक सैन्य कार्रवाई करने में सक्षम है।


एक्सपर्ट्स की राय

विशेषज्ञों ने बताया कि यह बदलाव किसी एक घटना का परिणाम नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में एक स्थायी संस्थागत परिवर्तन है। उन्होंने कहा कि भारत अब आतंकवाद का जवाब देने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन या लंबी जांच प्रक्रिया का इंतजार नहीं करेगा। यदि नागरिकों को खतरा होता है, तो भारत पहले प्रहार करने का अधिकार सुरक्षित रखता है। ऑपरेशन सिंदूर ने इस नए तर्क को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया।


राजनयिक स्तर पर प्रभाव

इस बदलाव का प्रभाव राजनयिक स्तर पर भी देखा गया। 2025 में पाकिस्तान के साथ सीजफायर वार्ता के दौरान, भारत ने किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को सख्ती से अस्वीकार कर दिया। नई दिल्ली ने इस संकट को क्षेत्र का आंतरिक मामला बताया और डीजीएमओ स्तर पर सीधे बातचीत को प्राथमिकता दी। विशेषज्ञों का कहना है कि यह नीति भारत की स्वतंत्र रणनीतिक स्थिति बनाए रखने की इच्छा को दर्शाती है।


चीन के लिए संदेश

पाकिस्तान के चीनी एयर डिफेंस सिस्टम भारत के सामने कमजोर साबित हुए और पीएल 15 मिसाइल प्रभावी नहीं रही। इससे चीन को स्पष्ट संदेश गया है कि भारत अब दो मोर्चों पर युद्ध की तैयारी कर चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की नई रणनीति अब पैटर्न आधारित डिटरेंस पर निर्भर है।