Newzfatafatlogo

भारत की राफेल F4 खरीद: फ्रांस ने दी आधिकारिक पुष्टि, जानें क्या है खास

फ्रांस ने पुष्टि की है कि भारत 90 राफेल F4 लड़ाकू विमानों की खरीद की योजना बना रहा है। यह जानकारी एक सरकारी रिपोर्ट में सामने आई थी, जिसमें चीन और पाकिस्तान द्वारा फैलाए गए गलत प्रचार का भी उल्लेख किया गया। भारत ने अगस्त 2025 में इस डील के लिए रुचि दिखाई थी। राफेल की क्षमताएँ और भारत-फ्रांस के बीच बढ़ता सहयोग इस डील को और महत्वपूर्ण बनाता है। जानें इस डील के पीछे की कहानी और राफेल की विशेषताएँ।
 | 
भारत की राफेल F4 खरीद: फ्रांस ने दी आधिकारिक पुष्टि, जानें क्या है खास

अंतरराष्ट्रीय समाचार


फ्रांस ने हाल ही में पुष्टि की है कि भारत 90 राफेल F4 लड़ाकू विमानों की खरीद की योजना बना रहा है। यह जानकारी एक सरकारी रिपोर्ट में सामने आई थी, जिसे बाद में सार्वजनिक रूप से हटा लिया गया। इस रिपोर्ट में चीन और पाकिस्तान द्वारा फैलाए गए गलत प्रचार का भी उल्लेख किया गया था। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान राफेल के बारे में कई भ्रामक बातें फैलाई गई थीं, जिन्हें फ्रांस ने खारिज करते हुए भारत के प्रति अपने विश्वास की पुष्टि की।


रिपोर्ट में क्या जानकारी थी?

फ्रांसीसी सरकार ने बताया कि 90 राफेल F4 विमानों का ऑर्डर और 24 F5 का विकल्प, दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों का प्रतीक है। भारत ने 1953 से डसॉल्ट के विमानों का उपयोग किया है, जिसमें तूफानी और मिराज 2000 जैसे विमान शामिल हैं। राफेल इस भरोसे की अगली कड़ी है और यह साझेदारी तकनीकी और सुरक्षा दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।


भारत ने कब दिखाई दिलचस्पी?

भारत ने अगस्त 2025 में फॉलो-ऑन ऑर्डर के लिए रुचि दिखाई थी। MRFA के तहत 114 लड़ाकू विमानों की आवश्यकता बताई गई है। सरकार G2G मॉडल के माध्यम से खरीद पर विचार कर रही है, जबकि वायुसेना सामान्य टेंडर प्रक्रिया को अपनाने के बजाय तेजी से खरीद की आवश्यकता महसूस कर रही है।


MRFA योजना की आवश्यकता

वायुसेना की स्क्वाड्रन क्षमता में कमी आ रही है, और पुरानी फ्लीट को बदलना आवश्यक है। चीन और पाकिस्तान की गतिविधियों के कारण चिंता बढ़ रही है, इसलिए तेज डिलीवरी की आवश्यकता है। सरकार समय बर्बाद नहीं करना चाहती और राफेल की क्षमताओं को देखते हुए इसे प्राथमिकता दी जा रही है।


राफेल लड़ाकू विमान की विशेषताएँ

राफेल एक ट्विन इंजन और मल्टीरोल जेट है, जो विभिन्न प्रकार के मिशनों को अंजाम दे सकता है। इसमें एयर डोमिनेंस, डीप स्ट्राइक और एंटी शिप क्षमताएँ शामिल हैं। यह परमाणु मिशन भी कर सकता है और इसका एक नौसेना संस्करण, राफेल मरीन, भी है, जो एयरक्राफ्ट कैरियर्स के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है।


नौसेना के लिए योजनाएँ

भारत ने 90 राफेल मरीन विमानों की खरीद में रुचि दिखाई है, जो नौसेना के बेड़े को मजबूत करेगा। INS विक्रांत और अन्य कैरियर्स पर इनका उपयोग किया जा सकता है। वायुसेना के लिए भी अतिरिक्त राफेल विमानों पर चर्चा चल रही है, और सरकार भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकल्पों को मजबूत करना चाहती है।


भारत-फ्रांस साझेदारी की मजबूती

भारत और फ्रांस के बीच विश्वास लगातार बढ़ रहा है। हथियार, तकनीक और एयरक्राफ्ट के क्षेत्र में सहयोग गहरा हो रहा है। राफेल डील इसका एक बड़ा उदाहरण है, जिसमें फ्रांस ने हमेशा भारत की आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी है। नई खरीद से यह साझेदारी और भी मजबूत होगी, और आने वाले वर्षों में दोनों देशों की सैन्य भागीदारी में वृद्धि होगी।