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भारत ने पाकिस्तान को अल्पसंख्यकों पर ज्ञान देने के लिए किया कड़ा जवाब

भारत ने पाकिस्तान द्वारा अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर की गई टिप्पणियों का कड़ा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के आरोपों को तथ्यहीन बताते हुए कहा कि उसे पहले अपने रिकॉर्ड पर गौर करना चाहिए। भारत ने स्पष्ट किया कि आरोप-प्रत्यारोप से सच्चाई नहीं छिपेगी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान की वास्तविक स्थिति से भली-भांति परिचित है। जानिए इस मामले में भारत का क्या कहना है और पाकिस्तान ने क्या टिप्पणियां की थीं।
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भारत ने पाकिस्तान को अल्पसंख्यकों पर ज्ञान देने के लिए किया कड़ा जवाब

भारत का पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश


नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान द्वारा अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर की गई टिप्पणियों का कड़ा जवाब देते हुए उसे उसकी वास्तविकता का आईना दिखाया है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जिस देश का खुद का अल्पसंख्यकों के प्रति व्यवहार बेहद खराब है, उसे भारत पर उंगली उठाने से पहले अपने रिकॉर्ड पर गौर करना चाहिए। भारत ने पाकिस्तान के आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए उन्हें तथ्यहीन और भ्रामक करार दिया है।


पाकिस्तान की टिप्पणियों पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया

विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि पाकिस्तान द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों पर हमलों के बारे में दिए गए बयान निराधार हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के आरोप उसकी अपनी विफलताओं और वहां अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे गंभीर उत्पीड़न को छिपाने का प्रयास हैं। भारत ने स्पष्ट किया कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस तरह के आरोप लगाकर पाकिस्तान अपने आंतरिक हालात से ध्यान नहीं हटा सकता।


पाकिस्तान का अल्पसंख्यक रिकॉर्ड संदिग्ध

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में पाकिस्तान के अल्पसंख्यक रिकॉर्ड को भयावह और सुनियोजित उत्पीड़न का उदाहरण बताया। मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान में विभिन्न धर्मों से संबंधित अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ लंबे समय से हिंसा, जबरन धर्म परिवर्तन, अपहरण और भेदभाव की घटनाएं होती रही हैं। ऐसे में पाकिस्तान का भारत को अल्पसंख्यकों पर ज्ञान देना पूरी तरह से खोखला और पाखंडपूर्ण है।


आरोप-प्रत्यारोप से सच्चाई नहीं छिपेगी

भारत ने स्पष्ट किया कि एक-दूसरे पर आरोप लगाने से वास्तविकता नहीं बदलती। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि पाकिस्तान द्वारा बार-बार अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भारत की ओर खींचने की कोशिशें, उसके अपने देश में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा को नहीं छिपा सकतीं। भारत ने यह संदेश दिया कि विश्व समुदाय पाकिस्तान की वास्तविक स्थिति से भली-भांति परिचित है।


पाकिस्तान ने क्या कहा था?

यह प्रतिक्रिया पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने भारत में कुछ घटनाओं को धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाला बताया था। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इन मामलों पर ध्यान देने की अपील भी की थी। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उन्होंने भारत की आलोचना करते हुए मानवाधिकारों का हवाला दिया था।


भारत ने अपने रुख को दोहराया

भारत ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया कि वह एक लोकतांत्रिक और बहुलतावादी देश है, जहां संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार और सुरक्षा प्रदान करता है। भारत ने कहा कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और सम्मान उसकी लोकतांत्रिक व्यवस्था का अभिन्न हिस्सा है और इस विषय पर किसी बाहरी देश की प्रमाण-पत्र देने की आवश्यकता नहीं है।