भारत ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त को तलब किया, सुरक्षा चिंताओं के बीच बढ़ा तनाव
भारत का कड़ा संदेश बांग्लादेश को
नई दिल्ली: भारत ने बुधवार को बांग्लादेश के उच्चायुक्त को तलब कर एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह कदम ढाका में भारतीय उच्चायोग को मिली सुरक्षा धमकी के बाद उठाया गया। विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त एम रियाज हमीदुल्लाह को बुलाकर भारत की गहरी चिंता व्यक्त की। हालांकि, सरकार ने धमकी की प्रकृति के बारे में कोई विस्तृत जानकारी साझा नहीं की है।
बांग्लादेशी नेता की धमकी से बढ़ी हलचल
यह घटनाक्रम उस समय हुआ है जब एक दिन पहले बांग्लादेश के एक नेता ने उत्तर-पूर्वी राज्यों को 'सेवन सिस्टर्स' कहकर उन्हें अलग-थलग करने की धमकी दी थी। इस बयान के बाद भारत में कूटनीतिक और सुरक्षा स्तर पर हलचल तेज हो गई है।
भारत-बांग्लादेश संबंधों पर प्रभाव
दोनों देशों के रिश्तों पर क्या पड़ा असर?
यह समन ऐसे समय पर हुआ है जब भारत विजय दिवस मना रहा था। यह 1971 के युद्ध की 54वीं वर्षगांठ है, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का गठन हुआ। इस अवसर पर बांग्लादेश ने भी भारत और बांग्लादेश के बीच आपसी लाभ वाले संबंधों पर जोर दिया था। फिर भी, हाल की घटनाओं ने दोनों देशों के रिश्तों में तनाव को उजागर किया है।
खटास के कारण
दोनों देशों के संबंधों में क्यों आई खटास?
बांग्लादेश में आगामी चुनावों से पहले भारत विरोधी बयानबाजी बढ़ गई है। पिछले वर्ष शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के पतन के बाद से दोनों देशों के संबंधों में खटास आई है। शेख हसीना का मुद्दा भारत-बांग्लादेश संबंधों में बड़ा विवाद बन गया है। बांग्लादेश भारत से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है।
पिछले महीने शेख हसीना को पिछले साल हुई हिंसा के मामलों में मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई गई थी। उस हिंसा में 500 से अधिक लोगों की जान गई थी। इस घटनाक्रम ने दोनों देशों के बीच राजनीतिक दूरी को और बढ़ा दिया।
बांग्लादेशी नेताओं के आरोप
बांग्लादेशी नेताओं ने क्या लगाया आरोप?
अंतरिम प्रमुख मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश ने पाकिस्तान के साथ रिश्तों में नरमी दिखाई है। वहीं, कई बांग्लादेशी नेताओं ने भारत पर ढाका के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है। इन सभी आरोपों को भारत ने सिरे से खारिज किया है।
इस बीच, नेशनल सिटिजन पार्टी के नेता हसनत अब्दुल्ला ने हाल ही में एक रैली में बयान दिया कि यदि बांग्लादेश को अस्थिर किया गया तो वह सेवन सिस्टर्स के अलगाववादियों को शरण देंगे। इस बयान को भारत ने बेहद गंभीरता से लिया है।
