भारत में डेटा और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का भविष्य: केंद्रीय मंत्री का दृष्टिकोण

केंद्रीय मंत्री का डेटा और डिजिटल क्रांति पर जोर
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को डेटा को 'नया तेल' और डेटा केंद्रों को 'नई रिफाइनरियां' करार दिया।
'एनडीटीवी वर्ल्ड समिट' में अपने संबोधन में, मंत्री वैष्णव ने आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण पर जोर देते हुए कहा कि भारत का लक्ष्य आने वाले वर्षों में महत्वपूर्ण खनिजों और डिजिटल ढांचे में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है।
उन्होंने यह भी कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे देश का प्रतिभा विदेश जाने के बजाय देश में ही अवसर प्राप्त करे।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार वित्तीय सेवाओं को अधिक सुलभ बनाने के लिए डिजिटल क्रेडिट पर महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।
भारत में 5जी नेटवर्क के प्रभावी कार्यान्वयन की सराहना करते हुए, उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित कर रही है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने 5जी को इतनी तेजी से लागू किया है कि यह दुनिया को चकित कर रहा है। देश का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा 5जी नेटवर्क से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने एआई के क्षेत्र में भारत की बढ़ती उपस्थिति पर भी प्रकाश डाला और बताया कि बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप सर्वम इस साल दिसंबर या अगले साल जनवरी में अपना स्वदेशी एआई मॉडल लॉन्च करेगा।
केंद्रीय मंत्री ने विशाखापत्तनम में 15 अरब डॉलर के निवेश से एआई हब स्थापित करने के गूगल के प्रस्ताव की प्रशंसा की, जिससे भारत में एआई अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि देश में कंप्यूटर सुविधाओं का होना अत्यंत आवश्यक है, जिससे क्वालिटी रिसर्च और एआई एप्लीकेशन बनाने की क्षमता में सुधार होगा।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 6जी तकनीक मौजूदा 4जी और 5जी नेटवर्क को पूरी तरह से बदल देगी।
उन्होंने कहा कि 6जी पूरी तरह से अलग होगा और आपके हाथ में जो भी उपकरण होगा, वह उस नेटवर्क का हिस्सा होगा।
केंद्रीय मंत्री ने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में भारत के नेतृत्व पर जोर देते हुए कहा कि वर्तमान में 13 से अधिक देश भारत के यूपीआई फ्रेमवर्क का उपयोग कर रहे हैं और 50 से अधिक देशों ने आधार फ्रेमवर्क को लागू करने में रुचि दिखाई है।