भारत-रूस संबंधों पर अमेरिका के टैरिफ का प्रभाव

PM मोदी और पुतिन के बीच बातचीत
PM मोदी-पुतिन वार्ता: नाटो के महासचिव मार्क रूटे ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ का सीधा असर रूस पर पड़ रहा है। रूटे ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की है और यूक्रेन युद्ध की रणनीति पर स्पष्टीकरण मांगा है।
टैरिफ का प्रभाव
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान सीएनएन से बातचीत करते हुए रूटे ने कहा, 'भारत पर ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ का रूस पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ रहा है। भारत पुतिन से बात कर रहा है और मोदी उनसे यूक्रेन पर अपनी रणनीति स्पष्ट करने को कह रहे हैं, क्योंकि भारत इन टैरिफ के कारण प्रभावित हो रहा है।'
टैरिफ का उद्देश्य
पिछले महीने अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत 'रिसिप्रोकल टैरिफ' और रूसी तेल की खरीद पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत पेनल्टी लगाई थी। अमेरिकी प्रशासन ने स्पष्ट किया कि इन टैरिफ का उद्देश्य भारत को रूसी ऊर्जा खरीदने से रोकना है, क्योंकि इससे अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन युद्ध में रूस को सहायता मिलती है। ट्रंप ने नाटो देशों से चीन पर टैरिफ लगाने और रूसी तेल की खरीद कम करने की अपील की है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि रूस पर बड़े प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई जा रही है, लेकिन यह तभी संभव होगा जब सभी नाटो सदस्य देश तेल की खरीद बंद करने पर सहमत हों।
टैरिफ की आलोचना
भारत सरकार ने इन टैरिफ की कड़ी आलोचना की है और इसे अनुचित बताया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की रूसी तेल खरीद उसकी 1.4 अरब जनसंख्या को सस्ती ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि अमेरिका और यूरोपीय संघ खुद रूस के साथ बड़ा व्यापार कर रहे हैं, जबकि भारत की जरूरतें केवल ऊर्जा सुरक्षा पर आधारित हैं।
व्यापार वार्ता
इस बीच, भारत और अमेरिका के बीच न्यूयॉर्क में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में व्यापार वार्ता हुई। दोनों देशों के बीच टैरिफ और व्यापक व्यापारिक मुद्दों पर बातचीत जारी है। ट्रंप ने हाल ही में ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया था कि वे मोदी से बातचीत के इच्छुक हैं और उन्हें अपना 'बहुत अच्छा दोस्त' मानते हैं। मोदी ने जवाब दिया कि भारत-अमेरिका साझेदारी की असीम संभावनाओं को उजागर करने के लिए जारी बातचीत जल्द सकारात्मक परिणाम देगी। फिलहाल, न तो नई दिल्ली और न ही मास्को की ओर से मार्क रूटे के इस दावे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया दी गई है।