भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का Axiom-4 मिशन: एक नया अध्याय

Axiom-4 मिशन का ऐतिहासिक महत्व
शुभांशु शुक्ला का Axiom-4 मिशन: भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण क्षण होगा जब भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का Axiom-4 मिशन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर प्रस्थान करेगा। NASA ने हाल ही में इस मिशन के 25 जून को लॉन्च होने की पुष्टि की है, जो भारत के लिए अंतरिक्ष में एक और महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
मिशन की तैयारी और टीम
Axiom-4 मिशन की शुरुआत NASA के केनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से SpaceX के Falcon 9 रॉकेट पर 12:01 PM IST (2:31 AM EDT) के लिए निर्धारित की गई है। इस मिशन में शुभांशु शुक्ला के साथ हंगरी के अंतरिक्ष यात्री Tibor Kapu और पोलैंड के Slawosz Uznanski-Wisniewski भी शामिल होंगे, जो मिशन स्पेशलिस्ट के रूप में अंतरिक्ष में यात्रा करेंगे।
इस मिशन की कमान कमांडर Peggy Whitson संभाल रही हैं, जिनके नेतृत्व में यह मिशन अंतरिक्ष यात्रा के एक नए अध्याय की शुरुआत करेगा। शुभांशु शुक्ला इस मिशन में पायलट के रूप में कार्य करेंगे।
लॉन्च में देरी
पहले की देरी
Axiom-4 मिशन का लॉन्च पहले 29 मई को निर्धारित था, लेकिन तकनीकी कारणों से इसे कई बार स्थगित किया गया। शुरुआत में यह 8 जून, फिर 10 जून और 11 जून को टाला गया, जब इंजीनियरों ने Falcon 9 रॉकेट के बूस्टर्स में लिक्विड ऑक्सीजन लीक का पता लगाया। इसके अलावा, अंतरिक्ष स्टेशन के पुराने रूसी मॉड्यूल में भी लीकेज पाया गया, जिससे और भी देरी हुई।
NASA ने इस बार 19 जून और फिर 22 जून को लॉन्च की तारीख तय की, लेकिन अंततः अंतरिक्ष स्टेशन की मरम्मत के बाद इसे फिर से 25 जून के लिए शेड्यूल किया गया।
मिशन का उद्देश्य
इस मिशन के लिए नए SpaceX Dragon अंतरिक्ष यान का उपयोग किया जाएगा और इसे NASA के Kennedy Space Centre से लॉन्च किया जाएगा। इसका लक्ष्य 26 जून को लगभग 4:30 PM IST (7 AM EDT) के आसपास अंतरिक्ष स्टेशन से डॉक करना है।
इस मिशन को लेकर अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की बढ़ती भूमिका और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय वैज्ञानिकों की महत्ता को लेकर भी बहुत चर्चा हो रही है।