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भारतीय क्रिकेट के लिए नया खेल प्रशासन विधेयक 2025

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को अब राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 का हिस्सा बनाया जाएगा। यह विधेयक बीसीसीआई को एक राष्ट्रीय खेल महासंघ के रूप में मान्यता देगा, जिससे खेल पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार होगा। इसके तहत सरकार सुशासन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। जानें इस विधेयक के प्रभाव और खेल महासंघों पर इसके संभावित परिणामों के बारे में।
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भारतीय क्रिकेट के लिए नया खेल प्रशासन विधेयक 2025

खेल प्रशासन विधेयक 2025: एक महत्वपूर्ण कदम

खेल प्रशासन विधेयक 2025: भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना सामने आई है। अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) भी राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक का हिस्सा बनेगा। हालांकि, बीसीसीआई सरकार की वित्तीय सहायता पर निर्भर नहीं है, लेकिन इसे प्रस्तावित राष्ट्रीय खेल बोर्ड से मान्यता प्राप्त करनी होगी। खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने पुष्टि की है कि बीसीसीआई अब राष्ट्रीय खेल विधेयक के दायरे में आएगा, खासकर 2028 के लॉस एंजेलेस ओलंपिक में टीम इंडिया की भागीदारी के संदर्भ में।


सरकार का सुशासन में योगदान

युवा मामले और खेल मंत्रालय ने भारत में खेल पारिस्थितिकी तंत्र को सुधारने के लिए एक मसौदा खेल विधेयक पेश किया है। इसके लागू होने पर, बीसीसीआई एक राष्ट्रीय खेल महासंघ के रूप में मान्यता प्राप्त करेगा।

सरकार सुशासन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी

एक सूत्र ने बताया, "बीसीसीआई अन्य सभी एनएसएफ की तरह एक स्वायत्त निकाय बना रहेगा, लेकिन इससे जुड़े विवादों का समाधान प्रस्तावित राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण द्वारा किया जाएगा। इस विधेयक का उद्देश्य किसी भी एनएसएफ पर सरकारी नियंत्रण नहीं है, बल्कि सरकार सुशासन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।" 2019 तक, बीसीसीआई को राष्ट्रीय खेल महासंघ के रूप में मान्यता नहीं मिली थी। यह 2020 में सूचना के अधिकार अधिनियम के दायरे में आया। नए खेल विधेयक में बीसीसीआई को शामिल किए जाने के बाद, क्रिकेट बोर्ड खेल मंत्रालय के सभी नियमों और विनियमों के दायरे में आ जाएगा।


खेल संचालन विधेयक का प्रभाव

यह मसौदा कई असफल प्रयासों के बाद तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य खिलाड़ियों के अधिकारियों की सुरक्षा और खेल जगत में विवाद-मुक्त वातावरण बनाना है। इससे 2036 के ओलंपिक खेलों के लिए देश की साख मज़बूत होगी।

मसौदा रिपोर्ट के अनुसार, यह विधेयक लैंगिक प्रतिनिधित्व में सुधार के लिए प्रत्येक कार्यकारी समिति में कम से कम चार महिलाओं को शामिल करना अनिवार्य करता है। यह निकाय खेल संबंधी विवादों को सुलझाने के लिए एक समर्पित तंत्र के रूप में कार्य करेगा। इसके निर्णय को केवल सर्वोच्च न्यायालय में ही चुनौती दी जा सकेगी।


खेल महासंघों पर प्रभाव

खेल संचालन विधेयक का खेल महासंघों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

खेल संचालन विधेयक भारतीय खेलों में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए तैयार किया गया है। इसके तहत राष्ट्रीय खेल बोर्ड की स्थापना की जाएगी। इसके पास शिकायतों के आधार पर या अपनी पहल पर खेल महासंघों को निलंबित करने का अधिकार होगा। केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से नियुक्त प्रस्तावित निकाय के पास कई मुद्दों पर कार्रवाई करने का अधिकार होगा।