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भारतीय सेना ने तुर्की के ड्रोन का प्रदर्शन किया, विजय दिवस पर खास कार्यक्रम

भारतीय सेना ने विजय दिवस की पूर्व संध्या पर एक विशेष कार्यक्रम में तुर्की के 'यिहा' ड्रोन का प्रदर्शन किया। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी की उपस्थिति में आयोजित इस समारोह में ड्रोन की तकनीकी विशेषताओं और भारतीय सेना की सफलताओं पर चर्चा की गई। जानें इस कार्यक्रम की महत्वपूर्ण बातें और पाकिस्तान के साथ संबंधों पर इसका प्रभाव।
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भारतीय सेना ने तुर्की के ड्रोन का प्रदर्शन किया, विजय दिवस पर खास कार्यक्रम

भारतीय सेना का विशेष कार्यक्रम

भारतीय सेना ने हाल ही में तुर्की के एक ड्रोन का प्रदर्शन किया, जो विजय दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित एक समारोह का हिस्सा था। इस कार्यक्रम में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी शामिल हुए, जहां राष्ट्रपति ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस अवसर पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न सैन्य उपकरणों को प्रदर्शित किया गया।


ड्रोन का पुनर्निर्माण और प्रदर्शन

भारतीय सेना ने तुर्की के 'यिहा' नामक कामिकेज ड्रोन का पुनर्निर्मित मॉडल पेश किया। यह ड्रोन 10 मई को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना द्वारा गिराया गया था। विजय दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में जनरल द्विवेदी ने इस ड्रोन को दिखाया। 7 से 10 मई के बीच पाकिस्तान ने इन एकल-उपयोग ड्रोन का उपयोग भारतीय ठिकानों पर हमले के लिए किया था, लेकिन भारतीय सेना ने अधिकांश ड्रोन को नष्ट कर दिया।


ड्रोन की तकनीकी विशेषताएँ

प्रदर्शित ड्रोन लाहौर एयरपोर्ट से उड़ान भरकर जालंधर की ओर बढ़ रहा था, जिसे एएडी सिस्टम ने 2000 मीटर की ऊंचाई पर नष्ट कर दिया। यह ड्रोन पूरी तरह से बरामद किया गया, जिससे भारतीय सेना ने इसकी रिवर्स इंजीनियरिंग की और महत्वपूर्ण डेटा निकाला। इस प्रदर्शनी के माध्यम से भारत ने यह दिखाया कि उसने तुर्की के ड्रोन को कैसे गिराया और उसे अपने कब्जे में लिया।


पाकिस्तान और तुर्की के संबंध

आसिम मुनीर जैसे लोग चाहे जितना भी प्रोपोगेंडा करें, लेकिन भारतीय सेना की सफलता के सबूत पूरी दुनिया के सामने हैं। तुर्की की बायकार कंपनी और पाकिस्तान के सहयोग से विकसित किया गया यह ड्रोन, 10 किलोग्राम विस्फोटक ले जाने में सक्षम है और लक्ष्य पर सटीकता से हमला कर सकता है।