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भिवानी में वैश्य महाविद्यालय में प्रतिभा खोज कार्यक्रम का सफल आयोजन

भिवानी के वैश्य महाविद्यालय में 'प्रतिभा खोज कार्यक्रम' का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन महाविद्यालय के प्रमुखों द्वारा किया गया और इसमें संगीत, नृत्य, और अभिनय की प्रतियोगिताएँ शामिल थीं। विजेता प्रतिभागियों को विश्वविद्यालय स्तर पर प्रदर्शन का अवसर मिलेगा। जानें इस कार्यक्रम की विशेषताएँ और छात्रों की प्रस्तुतियों के बारे में।
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भिवानी में वैश्य महाविद्यालय में प्रतिभा खोज कार्यक्रम का सफल आयोजन

प्रतिभा खोज कार्यक्रम का शुभारंभ


भिवानी। वैश्य महाविद्यालय भिवानी के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ 'रंग-वीथिका' द्वारा प्रतिभा खोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गोयल, डीन एकेडमिक डॉ. नरेंद्र सिंह, युवा कल्याण विभाग के डीन प्रो. धीरज त्रिखा, सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. हरिकेश पंघाल और निर्णायक मंडल के सदस्य कौशल भारद्वाज ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप जलाकर किया।


कार्यक्रम का संचालन और प्रस्तुतियाँ

कार्यक्रम का संचालन डॉ. हरिकेश पंघाल और डॉ. प्रोमिला सुहाग ने किया। निर्णायक मंडल में प्रसिद्ध रंगकर्मी कौशल भारद्वाज, सुमित इस्सर, और महाविद्यालय के पूर्व छात्र साहिल बादल शामिल थे। इस दौरान साहिल बादल ने अपनी प्रसिद्ध ग़ज़ल प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।


प्रतिभा का विकास

डॉ. संजय गोयल ने विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए महाविद्यालय में विभिन्न प्रकोष्ठ स्थापित किए गए हैं, जो उनकी अंतर्निहित प्रतिभा को निखारने में मदद कर रहे हैं। डीन एकेडमिक डॉ. नरेंद्र सिंह ने कहा कि सांस्कृतिक गतिविधियाँ न केवल प्रतिभा को विकसित करती हैं, बल्कि रोजगार के लिए आवश्यक कौशल भी प्रदान करती हैं।


युवा समारोह में प्रदर्शन का अवसर

युवा कल्याण विभाग के डीन प्रो. धीरज त्रिखा ने बताया कि चयनित प्रतिभागी विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित युवा समारोह में अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। कार्यक्रम संयोजक डॉ. हरिकेश पंघाल ने कहा कि सही प्रशिक्षण और प्लेटफॉर्म से विद्यार्थियों की प्रतिभा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुँचाया जा सकता है।


प्रतिभागियों की उत्कृष्ट प्रस्तुतियाँ

प्रतिभा खोज कार्यक्रम में संगीत, गायन, अभिनय, फाइन आर्ट्स और साहित्य की विभिन्न विधाओं में प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं। विद्यार्थियों ने हिंदी और हरियाणवी नाटकों, मिमिक्री, मोनो एक्टिंग, शास्त्रीय एवं लोक नृत्य, वाद्य वादन और गायन की शानदार प्रस्तुतियाँ दीं। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के पहले, दूसरे और तीसरे वर्ष के सौ से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से सभी को प्रभावित किया।