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माली में भारतीय नागरिकों का अपहरण: क्या है स्थिति?

पश्चिम अफ्रीका के माली में हाल ही में पांच भारतीय नागरिकों का अपहरण कर लिया गया है। यह घटना माली में बढ़ती हिंसा और अस्थिरता के बीच हुई है, जहां आतंकवादी समूहों की गतिविधियाँ बढ़ रही हैं। जानें इस घटना के पीछे की वजह, माली में विदेशी नागरिकों की सुरक्षा की स्थिति और भारतीय सरकार की प्रतिक्रिया के बारे में।
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माली में भारतीय नागरिकों का अपहरण: क्या है स्थिति?

माली में बढ़ती अस्थिरता


नई दिल्ली: पश्चिम अफ्रीका का देश माली एक बार फिर से हिंसा और अस्थिरता का सामना कर रहा है। हाल ही में, गुरुवार को, पांच भारतीय नागरिकों का अपहरण कर लिया गया। ये सभी कोबरी क्षेत्र में एक विद्युतीकरण परियोजना से जुड़े एक कंपनी में कार्यरत थे। देश में अलकायदा और आईएसआईएस से जुड़े आतंकवादी समूहों की गतिविधियों में वृद्धि के कारण स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।


भारतीय कर्मचारियों का अपहरण

सूत्रों के अनुसार, हथियारबंद आतंकवादियों ने पश्चिमी माली के कोबरी के निकट इन भारतीयों का अपहरण किया। कंपनी के एक प्रतिनिधि ने बताया कि घटना के बाद अन्य सभी भारतीय कर्मचारियों को तुरंत राजधानी बमाको भेज दिया गया है। इस घटना की जिम्मेदारी अभी तक किसी भी आतंकवादी संगठन ने नहीं ली है। प्रतिनिधि ने कहा, “हमने पांच भारतीय कर्मचारियों के अपहरण की पुष्टि की है। बाकी कर्मचारी सुरक्षित हैं और बमाको भेज दिए गए हैं।”


माली में हिंसा की स्थिति

माली कई वर्षों से कट्टरपंथी समूहों की हिंसा का शिकार है। अल-कायदा से जुड़ा संगठन जेएनआईएम (इस्लाम और मुसलमानों के समर्थन का समूह) इस क्षेत्र में सबसे सक्रिय है। हाल ही में, इस समूह ने ईंधन आपूर्ति पर प्रतिबंध को और सख्त कर दिया है, जिससे माली की पहले से ही बिगड़ी आर्थिक स्थिति और खराब हो गई है। लगातार सैन्य तख्तापलट और कमजोर सरकारी नियंत्रण के कारण विदेशी नागरिकों के अपहरण की घटनाएं आम हो गई हैं।


विदेशी नागरिकों का खतरा

माली में अपहरण की घटनाएं नई नहीं हैं। सितंबर में, जेएनआईएम के लड़ाकों ने बमाको के पास दो अमीराती और एक ईरानी नागरिक का अपहरण किया था। रिपोर्टों के अनुसार, लगभग 5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की फिरौती देने के बाद उन्हें पिछले सप्ताह रिहा किया गया।


जेएनआईएम ने 2012 में तुआरेग विद्रोह के दौरान अपनी उपस्थिति को मजबूत किया था और अब इसकी पहुंच उत्तरी माली से लेकर मध्य क्षेत्रों, बुर्किना फासो और नाइजर तक फैल चुकी है। माली के सैन्य शासक असिमी गोइता ने सत्ता में आने के बाद विद्रोह को समाप्त करने का वादा किया था, लेकिन फ्रांस और अमेरिका के साथ सैन्य सहयोग खत्म करने के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हुआ है।


राजधानी पर खतरा

हालांकि बमाको अभी सरकारी नियंत्रण में है, लेकिन जेएनआईएम के राजधानी की ओर बढ़ने की आशंका बढ़ रही है। जिन क्षेत्रों में यह समूह मजबूत है, वहां उन्होंने कड़े नियम लागू कर दिए हैं। आवाजाही पर रोक लगाई जा रही है और महिलाओं को सार्वजनिक परिवहन में हिजाब पहनना अनिवार्य किया गया है।


भारतीय नागरिकों की सुरक्षा पर चिंता

पांच भारतीयों के अपहरण ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि माली विदेशी कर्मचारियों के लिए कितना असुरक्षित हो चुका है। भारत सरकार और संबंधित कंपनी की ओर से अधिकारियों के संपर्क में रहने और स्थिति की निगरानी की उम्मीद है, हालांकि अभी तक किसी प्रकार की आधिकारिक जानकारी जारी नहीं की गई है।