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मिडिल ईस्ट में यमन पर तीन देशों का सामूहिक हमला

मिडिल ईस्ट में यमन पर इजराइल, अमेरिका और सऊदी अरब द्वारा किए गए सामूहिक हमले ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। हूती विद्रोहियों के खिलाफ यह हमले तब हुए जब उन्होंने अलकायदा के साथ मिलकर लड़ाई की घोषणा की। इजराइल की कार्रवाई में कई हूती लड़ाके और नागरिक मारे गए हैं। हिज़्बुल्लाह ने इजराइल के खिलाफ अपनी रक्षा का अधिकार होने की बात कही है और किसी भी राजनीतिक वार्ता को खारिज कर दिया है। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और अधिक।
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मिडिल ईस्ट में यमन पर तीन देशों का सामूहिक हमला

यमन पर हमले की पृष्ठभूमि

वर्तमान में, विश्व के विभिन्न हिस्सों में संघर्ष जारी है। इन संघर्षों के पीछे कई कारण हैं। भले ही गाजा में इजराइल और हमास के बीच युद्धविराम हो गया हो, लेकिन मध्य पूर्व में शांति की कोई उम्मीद नहीं है। हाल ही में, यमन एक मुस्लिम देश है, जो गंभीर संकट में फंस गया है। इस पर इजराइल, अमेरिका और सऊदी अरब ने मिलकर एक बड़ा हमला किया है। इजराइल ने यमन की राजधानी सना पर पहला हमला किया, इसके बाद अमेरिका और सऊदी अरब ने भी हमले किए। ये हमले हूती और अलकायदा के ठिकानों पर केंद्रित थे। यह सब तब हुआ जब अलकायदा और हूती ने एकजुट होकर लड़ाई की घोषणा की।


हूती विद्रोहियों की स्थिति

यमन में हूती विद्रोहियों का लंबे समय से कब्जा है, जिन्हें मध्य पूर्व में ईरान का प्रॉक्सी संगठन माना जाता है। इजराइल ने जवाबी कार्रवाई के तहत यमन पर लगातार ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं। हाल ही में, इजराइल ने हूती के प्रमुख कमांडर की हत्या कर दी। हूती विद्रोही इजराइल को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं। इजराइल के हमलों के चलते हूतियों ने हाल ही में सामान्य लामबंदी की घोषणा की, जिसके तहत पूरे यमन में रेड अलर्ट जारी किया गया। इजराइल की कार्रवाई में अब तक 50 से अधिक हूती लड़ाके मारे जा चुके हैं, जबकि 600 से ज्यादा यमन के नागरिकों की जान गई है।


हिज़्बुल्लाह का बयान

हिज़्बुल्लाह ने इजराइल के खिलाफ अपनी रक्षा का अधिकार होने की बात कही है और लेबनान में किसी भी राजनीतिक वार्ता की संभावना को खारिज कर दिया है। यह बयान इजराइल द्वारा हिज़्बुल्लाह के खिलाफ अभियान तेज करने की चेतावनी के बाद आया है। हिज़्बुल्लाह ने कहा कि वे अपने वैध अधिकार की पुष्टि करते हैं और अपने देश पर थोपे गए युद्ध से अपनी रक्षा करेंगे। ईरान समर्थित इस समूह ने लेबनान और इजराइल के बीच किसी भी राजनीतिक वार्ता को राष्ट्रीय हित में नहीं मानते हुए खारिज कर दिया है।


लेबनानी सरकार की स्थिति

हिज़्बुल्लाह ने अपने बयान को लेबनानी जनता और नेताओं के नाम एक खुला पत्र बताया है। लेबनानी सरकार इस उग्रवादी समूह को निरस्त्र करने के प्रयासों की प्रगति की समीक्षा करेगी। यह एकमात्र ऐसा समूह है जिसने 1975-1990 के गृहयुद्ध के बाद अपने हथियार सौंपने से इनकार किया। हिज़्बुल्लाह ने कहा कि वे पिछले साल इजराइल के साथ हुए युद्धविराम के प्रति प्रतिबद्ध हैं, जबकि इजराइल ने दक्षिणी लेबनान के पांच क्षेत्रों में सैनिकों को तैनात रखा है और नियमित हमले जारी रखे हैं।