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मुंबई में 252 करोड़ रुपये के ड्रग्स मामले में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ओरी को समन

मुंबई में 252 करोड़ रुपये के ड्रग्स मामले में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ओरहान अवात्रामणि, जिन्हें ओरी के नाम से जाना जाता है, को पुलिस ने समन भेजा है। उन्हें घाटकोपर यूनिट में पेश होने के लिए कहा गया है। यह समन मुख्य आरोपी सोहेल उर्फ लविश शेख द्वारा दिए गए दावों की जांच के लिए है। पुलिस का कहना है कि अभी तक किसी भी हाई-प्रोफाइल व्यक्ति के खिलाफ आरोप नहीं लगाए गए हैं। मामले की शुरुआत फरवरी 2024 में हुई थी, जब एक महिला को मेफेड्रोन के साथ गिरफ्तार किया गया था। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
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मुंबई में 252 करोड़ रुपये के ड्रग्स मामले में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ओरी को समन

ड्रग्स मामले में नया मोड़

मुंबई: मुंबई में 252 करोड़ रुपये के ड्रग्स मामले में एक महत्वपूर्ण विकास हुआ है। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ओरहान अवात्रामणि, जिन्हें आमतौर पर 'ओरी' के नाम से जाना जाता है, को मुंबई पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स सेल द्वारा समन भेजा गया है। उन्हें गुरुवार सुबह 10 बजे घाटकोपर यूनिट के कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है।


अधिकारियों के अनुसार, यह समन जांच प्रक्रिया का एक हिस्सा है, जिसमें ओरी से उन दावों और जानकारियों के बारे में पूछताछ की जाएगी, जो मुख्य आरोपी सोहेल उर्फ लविश शेख ने अपनी पूछताछ में दिए थे। पुलिस का कहना है कि अभी तक किसी भी हाई-प्रोफाइल व्यक्ति के खिलाफ आरोप नहीं लगाए गए हैं, और यह कदम केवल तथ्यों की पुष्टि के लिए उठाया गया है।


जांच टीम यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या ओरी की मौजूदगी का कोई तथ्यात्मक आधार है, जैसा कि आरोपी ने बताया था। इसके अलावा, शेख के दावों में जिन रेव पार्टियों का उल्लेख किया गया है, उनमें ओरी की कथित उपस्थिति की सच्चाई की पुष्टि करना भी इस पूछताछ का उद्देश्य है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि हाई-प्रोफाइल मामलों में किसी भी बयान को तब तक नहीं माना जाता जब तक उसके पीछे ठोस इलेक्ट्रॉनिक या दस्तावेजी सबूत न हों। इसलिए ओरी को समन भेजना सामान्य जांच प्रक्रिया का हिस्सा है।


यह मामला फरवरी 2024 में शुरू हुआ, जब मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक महिला को 741 ग्राम मेफेड्रोन (एमडी) के साथ गिरफ्तार किया। पूछताछ में महिला ने सांगली स्थित एक केमिकल फैक्ट्री का नाम लिया। जब पुलिस वहां पहुंची, तो उन्हें 122.5 किलो एमडी और ड्रग्स बनाने में इस्तेमाल होने वाले केमिकल मिले, जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करोड़ों रुपये में आंकी गई। इस बरामदगी के बाद पुलिस को पता चला कि यह ड्रग्स नेटवर्क केवल महाराष्ट्र तक सीमित नहीं है, बल्कि गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना तक फैला हुआ है।


जांच में यह भी सामने आया कि यह नेटवर्क फरार ड्रग माफिया सलीम डोला के इशारों पर काम करता था, जो कथित रूप से दाऊद इब्राहिम सिंडिकेट से जुड़ा हुआ है। इस मामले में गिरफ्तार प्रमुख आरोपी सोहेल शेख को पुलिस इस पूरे रैकेट का कोऑर्डिनेटर मानती है। उस पर आरोप है कि वह फैक्ट्रियों, पेडलर्स और सप्लाई चेन को जोड़ने का काम करता था। शेख ने पूछताछ में दावा किया कि वह भारत और विदेश में रेव पार्टियों का आयोजन करता था, जहां ड्रग्स की सप्लाई होती थी। उसने कुछ हाई-प्रोफाइल नाम भी लिए हैं, जिनकी जांच अब पुलिस कर रही है।