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म्यांमार से थाईलैंड पहुंचे भारतीय नागरिकों की हिरासत: विदेश मंत्रालय की सक्रियता

विदेश मंत्रालय ने हाल ही में म्यांमार से थाईलैंड में प्रवेश करने वाले भारतीय नागरिकों की हिरासत की पुष्टि की है। मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय दूतावास स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर इन नागरिकों की पहचान और कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने में जुटा है। यह स्थिति म्यांमार में बढ़ती हिंसा के कारण उत्पन्न हुई है, जिससे हजारों लोग सुरक्षा की तलाश में पड़ोसी देशों की ओर पलायन कर रहे हैं। जानें इस मामले में और क्या जानकारी मिली है।
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म्यांमार से थाईलैंड पहुंचे भारतीय नागरिकों की हिरासत: विदेश मंत्रालय की सक्रियता

भारतीय नागरिकों की थाईलैंड में हिरासत की पुष्टि


विदेश मंत्रालय ने बुधवार, 29 अक्टूबर को यह जानकारी दी कि हाल ही में म्यांमार से थाईलैंड में प्रवेश करने वाले कई भारतीय नागरिकों को थाई अधिकारियों ने हिरासत में लिया है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि बैंकॉक में स्थित भारतीय दूतावास स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर इन नागरिकों की पहचान और कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने में जुटा है, ताकि उनकी सुरक्षित स्वदेश वापसी सुनिश्चित की जा सके।


स्वदेश भेजने की प्रक्रिया

रणधीर जायसवाल ने कहा कि हिरासत में लिए गए नागरिकों की राष्ट्रीयता की पुष्टि की जा रही है। इस सत्यापन प्रक्रिया में भारतीय मिशन और थाईलैंड की संबंधित एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि कानूनी औपचारिकताएं पूरी होते ही सभी भारतीय नागरिकों को स्वदेश भेजा जाएगा।


पलायन के कारण

हालांकि, विदेश मंत्रालय ने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये लोग किस परिस्थिति में थाईलैंड पहुंचे, लेकिन सूत्रों के अनुसार, ये म्यांमार के संघर्षग्रस्त क्षेत्रों से भागकर आए हैं। म्यांमार की सीमा भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों से लगती है, जहां हाल के महीनों में सैन्य शासन और सशस्त्र समूहों के बीच हिंसा बढ़ी है। इस कारण हजारों लोग सुरक्षा की तलाश में पड़ोसी देशों की ओर पलायन कर रहे हैं।


मानवीय सहायता की व्यवस्था

सूत्रों का कहना है कि यह ताजा पलायन म्यांमार के म्यावाडी क्षेत्र में केके पार्क नामक एक बड़े ऑनलाइन धोखाधड़ी केंद्र पर सेना के छापे के बाद शुरू हुआ। इस कार्रवाई के बाद सैकड़ों लोग, जिनमें लगभग 500 भारतीय नागरिक भी शामिल थे, थाईलैंड की सीमा पार करके माई सोत शहर में प्रवेश कर गए। कई लोगों ने मोई नदी को फोम के बक्सों या अस्थायी नावों के सहारे पार किया, जबकि कुछ ने रात के अंधेरे में अनधिकृत मार्गों का उपयोग किया।


भारतीय दूतावास की सक्रियता

थाई अधिकारियों ने इन सभी के लिए मानवीय सहायता और अस्थायी आश्रय की व्यवस्था की है। वे यह जांच कर रहे हैं कि इनमें से कौन लोग मानव तस्करी के शिकार हैं और कौन अवैध रूप से सीमा पार करने के आरोपों का सामना करेंगे। भारतीय दूतावास थाईलैंड सरकार के साथ मिलकर इन नागरिकों की पहचान कर रहा है और सीधी हवाई उड़ानों के माध्यम से उनकी वापसी की योजना बना रहा है।


भारत सरकार की प्रतिबद्धता

विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब क्षेत्रीय अस्थिरता के कारण भारतीय नागरिक पड़ोसी देशों में फंसे हैं। भारत सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह हर संकटग्रस्त भारतीय को कांसुलर सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्रालय ने बताया कि वह स्थिति पर लगातार नज़र रखे हुए है और सभी भारतीयों की सुरक्षित व शीघ्र वापसी सुनिश्चित करने के लिए थाई अधिकारियों के साथ समन्वय जारी है।