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यूक्रेन युद्ध के लिए अमेरिका का नया शांति प्रस्ताव: क्या ज़ेलेंस्की इसे स्वीकार करेंगे?

अमेरिका ने यूक्रेन युद्ध के अंत के लिए एक नया और विवादास्पद शांति प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें यूक्रेन से कुछ भूमि सौंपने की मांग की गई है। यह प्रस्ताव यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के लिए एक नई चुनौती बन गया है, क्योंकि इसे बिना उनकी भागीदारी के तैयार किया गया है। यूरोपीय देशों में भी इस पर चिंता व्यक्त की जा रही है। क्या ज़ेलेंस्की इस प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे? जानें इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर पूरी जानकारी।
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यूक्रेन युद्ध के लिए अमेरिका का नया शांति प्रस्ताव: क्या ज़ेलेंस्की इसे स्वीकार करेंगे?

यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की नई अमेरिकी पहल


नई दिल्ली: अमेरिका ने यूक्रेन युद्ध के अंत के लिए एक नई और विवादास्पद शांति योजना का मसौदा प्रस्तुत किया है। यह प्रस्ताव, जो लगभग चार वर्षों से चल रहे युद्ध के बीच आया है, कीव के लिए नई चुनौतियाँ लेकर आया है और यूरोपीय देशों में भी चिंता का विषय बन गया है।


अमेरिकी योजना में रियायतों की मांग

रिपोर्टों के अनुसार, इस योजना में यूक्रेन से रूस को कुछ क्षेत्रों का हस्तांतरण करने की मांग की गई है। इसके साथ ही, यूक्रेन की सेना के आकार को सीमित करने का सुझाव भी दिया गया है। प्रस्ताव में NATO के विस्तार पर रोक लगाने का भी संकेत है, जो रूस के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक जीत मानी जा रही है।


इस योजना में यह भी उल्लेख किया गया है कि यूक्रेन के पुनर्निर्माण के लिए रूस की लगभग 100 बिलियन डॉलर की फ्रीज की गई संपत्तियों का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, रूस को वैश्विक आर्थिक प्रणाली में धीरे-धीरे वापस लाने का रास्ता खोला जाएगा, जिसमें प्रतिबंधों में ढील भी शामिल हो सकती है। यदि यह योजना लागू होती है, तो पुतिन को G8 जैसे प्रमुख आर्थिक समूह में शामिल होने का अवसर मिल सकता है।


ज़ेलेंस्की पर बढ़ता दबाव

अमेरिका ने यह मसौदा औपचारिक रूप से यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की को सौंपा है। यह 28-बिंदुओं वाला दस्तावेज़ यूक्रेन की भागीदारी के बिना तैयार किया गया है, जिससे कीव और यूरोपीय नेताओं में असहजता बढ़ गई है।


हालांकि, ज़ेलेंस्की ने इसे तुरंत अस्वीकार नहीं किया है। वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ इस प्रस्ताव पर बातचीत करने की योजना बना रहे हैं। चूंकि यूक्रेन अमेरिका से सैन्य और आर्थिक सहायता पर निर्भर है, यह वार्ता अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।


कीव में अमेरिकी सैन्य प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद ज़ेलेंस्की ने कहा कि वे इस प्रस्ताव पर रचनात्मक और ईमानदार संवाद के लिए तैयार हैं। उनके कार्यालय ने भी पुष्टि की है कि उनका लक्ष्य अमेरिका और यूरोपीय सहयोगियों के साथ मिलकर एक न्यायपूर्ण शांति सुनिश्चित करना है।


यूरोपीय देशों की चिंताएँ

अमेरिका की इस पहल पर यूरोप की प्रतिक्रिया संतुलित रही है, लेकिन उनकी बेचैनी स्पष्ट है। फ्रांस ने कहा कि शांति का मतलब आत्मसमर्पण नहीं हो सकता। वहीं, यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काजा कलास ने सवाल उठाया कि क्या रूस पर समानांतर दबाव डाला जा रहा है या नहीं।


यूरोपीय नेताओं का मानना है कि एकतरफा रियायतें देकर शांति स्थापित नहीं की जा सकती, खासकर तब, जब रूस की ओर से कोई ठोस प्रतिबद्धता न हो।


यूक्रेन की बदलती स्थिति

अमेरिकी कूटनीति ऐसे समय में सामने आई है जब यूक्रेन युद्ध के मैदान में कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहा है। रूसी सेना पोक्रोव्स्क की दिशा में बढ़त बना रही है और बुनियादी ढांचे पर हमले तेज हो गए हैं। इसके साथ ही, यूक्रेन में राजनीतिक अशांति भी बढ़ रही है। हाल ही में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते दो मंत्रियों की बर्खास्तगी के बाद विपक्ष सरकार पर और अधिक दबाव बना रहा है।


अमेरिका का दृष्टिकोण

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि दीर्घकालिक शांति स्थापित करने के लिए कठिन और व्यावहारिक निर्णय लेना आवश्यक है। उनके अनुसार, दोनों पक्षों को समझौते की दिशा में आगे बढ़ना होगा।