यूक्रेन युद्ध के लिए अमेरिका का नया शांति प्रस्ताव: जेलेंस्की की प्रतिक्रिया
अमेरिका का विवादास्पद शांति प्रस्ताव
नई दिल्ली: अमेरिका ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की को एक नया और विवादास्पद 28-बिंदुओं वाला शांति प्रस्ताव पेश किया है, जिसका उद्देश्य यूक्रेन युद्ध को समाप्त करना है। इस प्रस्ताव में यूक्रेन से कई महत्वपूर्ण समझौतों की अपेक्षा की गई है, जैसे कि डोनबास क्षेत्र का एक हिस्सा रूस को सौंपना, यूक्रेनी सेना की संख्या में कमी लाना, और भविष्य में NATO के विस्तार को रोकना।
यूक्रेन की भागीदारी के बिना तैयार मसौदा
यह मसौदा यूक्रेन की भागीदारी के बिना तैयार किया गया है, जिससे कीव और पूरे यूरोप में असंतोष और चिंता बढ़ गई है। रिपोर्टों के अनुसार, यह योजना रूस को कई तरीकों से लाभ पहुंचाने वाली मानी जा रही है। मसौदे में रूस को वैश्विक अर्थव्यवस्था में फिर से शामिल होने का अवसर भी दिया गया है, जिसमें भविष्य में प्रतिबंधों को हटाने की संभावना शामिल है।
जेलेंस्की की प्रतिक्रिया
जेलेंस्की ने क्या कहा?
जेलेंस्की ने इस मसौदे की प्राप्ति की पुष्टि की है और कहा है कि यूक्रेन अमेरिका के साथ रचनात्मक और त्वरित बातचीत के लिए तैयार है। हालांकि, उन्होंने न तो इस योजना को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है और न ही इसका विरोध किया है। आने वाले दिनों में, जेलेंस्की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से इस विषय पर चर्चा करेंगे। यूक्रेन अमेरिकी सैन्य और वित्तीय सहायता पर निर्भर है, इसलिए यह बातचीत अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
यूरोपीय देशों की प्रतिक्रिया
यूरोपीय देशों की क्या रही प्रतिक्रिया?
यूरोपीय देशों ने इस प्रस्ताव पर सतर्क प्रतिक्रिया दी है। फ्रांस ने स्पष्ट रूप से कहा है कि 'शांति का मतलब आत्मसमर्पण नहीं हो सकता।' यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काजा कलास ने भी कहा कि रूस पर किसी समानांतर समझौते का दबाव बनाने के कोई संकेत नहीं हैं। इससे यूरोप में यह चिंता बढ़ गई है कि शांति के नाम पर यूक्रेन को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है, जबकि रूस पर ठोस प्रतिबद्धताओं का अभाव है।
यूक्रेन में राजनीतिक संकट
यूक्रेन में क्यों आया राजनीतिक संकट?
इस बीच, यूक्रेन युद्ध के मैदान में दबाव में है। रूसी सेना पोक्रोव्स्क की ओर बढ़ रही है और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर हमले तेज हो गए हैं। जेलेंस्की राजनीतिक संकट का सामना कर रहे हैं क्योंकि हाल ही में भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में दो मंत्रियों को बर्खास्त करना पड़ा है। विपक्ष सरकार पर बड़े सुधारों का दबाव बना रहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस मसौदे का समर्थन करते हुए कहा है कि स्थायी शांति के लिए कठिन और यथार्थवादी निर्णयों की आवश्यकता होती है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी अंतिम समझौते के लिए यूक्रेन और रूस दोनों को पारस्परिक रियायतें देनी होंगी।
