यूक्रेन-रूस वार्ता में प्रगति, अमेरिका ने दी सकारात्मक संकेत
यूक्रेन-रूस वार्ता का सारांश
जिनेवा में रूस-यूक्रेन संघर्ष पर हुई बातचीत के बाद, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बताया कि उनकी सरकार का ध्यान मुख्य रूप से रूस की मांगों पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि समस्या रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पूतिन द्वारा यूक्रेन की भूमि पर दावा करने से संबंधित है, विशेषकर पूर्वी क्षेत्र डोनबास पर। यह क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सिद्धांतों का उल्लंघन करेगा।
इस बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर संकेत दिया कि स्थिति में सुधार हो सकता है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि जब तक यह स्पष्ट नहीं होता, तब तक भरोसा नहीं करना चाहिए। अमेरिका और यूक्रेन के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि युद्ध समाप्त करने की दिशा में प्रगति हो रही है, हालांकि उन्होंने इस पर अधिक जानकारी साझा नहीं की।
अमेरिकी विदेश मंत्री की टिप्पणी
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने जिनेवा में हुई वार्ता को 'बहुत उपयोगी' बताया और इसे लंबे समय बाद की सबसे सकारात्मक बातचीत कहा। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे की चर्चा जारी रहेगी और अंतिम प्रस्ताव रूस के सामने रखा जाएगा। रुबियो ने यह भी कहा कि यूरोपीय सहयोगियों की जिम्मेदारियां अमेरिकी शांति योजना में अलग से तय की जा सकती हैं।
हालांकि, कुछ अमेरिकी सीनेटरों ने इस प्रस्ताव को रूस की 'इच्छा सूची' जैसा बताया, जिसे विदेश विभाग ने गलत करार दिया। यूक्रेनी वार्ता दल के प्रमुख एंड्री यरमाक ने बातचीत को सार्थक बताया और कहा कि अगला दौर जल्द ही शुरू होगा।
यूक्रेन की स्थिति
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि उनके देश को अपने संप्रभु अधिकारों की रक्षा करने और आवश्यक अमेरिकी समर्थन बनाए रखने के बीच एक कठिन विकल्प का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिका द्वारा तैयार किए गए 28 सूत्री प्रस्ताव ने यूक्रेन और अन्य देशों में चिंता पैदा कर दी है।
