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यूक्रेन-रूस संघर्ष में ड्रोन हमलों की नई लहर

यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे संघर्ष ने एक नया मोड़ ले लिया है, जब यूक्रेन ने दक्षिण-पश्चिम रूस और क्रीमिया में बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले किए। इन हमलों ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। जानें इस हमले के प्रभाव, नुकसान और दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बारे में।
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यूक्रेन-रूस संघर्ष में ड्रोन हमलों की नई लहर

संघर्ष की नई परत


नई दिल्ली: यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध ने एक बार फिर गंभीर मोड़ ले लिया है। मंगलवार को, यूक्रेन ने दक्षिण-पश्चिम रूस और क्रीमिया में बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले किए। स्थानीय समाचारों और वीडियो फुटेज से पता चलता है कि नोवोरोस्सिय्स्क और क्रास्नोडार क्राय में कई रूसी वायु रक्षा प्रणाली इन हमलों के प्रभाव में कमजोर हो गई हैं। क्रास्नोडार क्राय के गवर्नर ने इसे एक निरंतर और विशाल हमला बताया है।


हमले का प्रभाव

गवर्नर के अनुसार, यह ड्रोन हमला कई चरणों में किया गया था और इसे रोकना कठिन साबित हुआ। वहीं, यूक्रेन की राजधानी कीव भी इन घटनाओं से अछूती नहीं रही। यूक्रेन के ऊर्जा मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि राजधानी में ऊर्जा ढांचे पर बड़े पैमाने पर हमले हुए हैं। मंत्रालय ने कहा कि दुश्मन द्वारा ऊर्जा ढांचे पर एक साथ और भारी हमला किया जा रहा है, जिससे कीव और उसके आसपास के क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।


नुकसान का आकलन

इस बीच, रूस के टैगानरोग बंदरगाह शहर में यूक्रेन की हवाई कार्रवाई के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन लोग घायल हुए हैं। शहर की मेयर स्वेतलाना कंबुलोवा ने बताया कि रात के हमले में दो अपार्टमेंट भवन, एक निजी घर, एक मैकेनिकल कॉलेज, दो औद्योगिक इकाइयां और एक किंडरगार्टन को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि तीन लोग घायल हुए हैं और एक व्यक्ति की मौत हुई है।


आरोपों का सिलसिला

इन हालिया हमलों ने दोनों देशों के बीच संघर्ष को और बढ़ा दिया है। रूस और यूक्रेन दोनों ही एक-दूसरे पर हमलों को बढ़ाने का आरोप लगा रहे हैं। रूस ने यूक्रेन के दक्षिण और पूर्वी हिस्सों के बड़े भाग पर कब्जा कर रखा है और क्रीमिया सहित पांच यूक्रेनी क्षेत्रों के अधिग्रहण का दावा करता है, जिसे रूस ने 2014 में अपने नियंत्रण में लिया था।


मॉस्को लगातार यह मांग कर रहा है कि यूक्रेन डोनेत्स्क के उस हिस्से से पीछे हटे जो अभी भी उसके नियंत्रण में है। लेकिन यूक्रेन ने इन मांगों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया है। यूक्रेन का कहना है कि वह अपनी भूमि किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेगा।