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यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए ट्रंप की नई पहल

यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए डोनाल्ड ट्रंप ने एक नई 28 बिंदुओं की योजना पेश की है। इस योजना में यूक्रेन को कुछ क्षेत्र छोड़ने और नाटो में शामिल न होने की शर्तें शामिल हैं। ट्रंप का कहना है कि उनका उद्देश्य युद्ध को समाप्त करना है। वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने इस पर नकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। इस बीच, जिनेवा में संभावित वार्ता की तैयारी चल रही है। जानें इस मुद्दे पर सभी पक्षों की प्रतिक्रियाएँ और वैश्विक दृष्टिकोण।
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यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए ट्रंप की नई पहल

अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में तेजी

यूक्रेन में चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए एक बार फिर वैश्विक स्तर पर गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया है कि उनकी 28 बिंदुओं की योजना अभी अंतिम रूप में नहीं है। इस योजना में यूक्रेन को कुछ क्षेत्रों को छोड़ने, अपनी सेना का आकार कम करने और नाटो में शामिल न होने की शर्तें शामिल हैं। ट्रंप का कहना है कि उनका मुख्य उद्देश्य इस युद्ध को समाप्त करना है।


ट्रंप की योजना पर प्रतिक्रिया

जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या यह यूक्रेन के लिए उनका अंतिम प्रस्ताव है, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसा नहीं है। उनका मानना है कि संघर्ष को जल्द समाप्त करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। यह युद्ध फरवरी 2022 से लाखों लोगों को प्रभावित कर चुका है और दोनों देशों की अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और स्थिरता पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ा है।


ज़ेलेंस्की और पुतिन की प्रतिक्रियाएँ

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने इस योजना पर नकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वे अपने विकल्पों को प्रस्तुत करेंगे और किसी भी समझौते के लिए यूक्रेन की सुरक्षा और संप्रभुता प्राथमिकता होगी। वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संकेत दिया है कि वे इस योजना पर चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन यदि कीव इसे अस्वीकार करता है, तो रूसी सेना अपना अभियान जारी रखेगी।


संभावित वार्ता की तैयारी

ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि थैंक्सगिविंग के दिन, यानी 27 नवंबर को इस समझौते के लिए एक उपयुक्त समय हो सकता है, हालांकि उन्होंने इसे लचीला भी बताया। उन्होंने यह भी कहा कि यदि ज़ेलेंस्की को यह प्रस्ताव पसंद नहीं आया, तो युद्ध जारी रहेगा और उन्हें किसी न किसी समय निर्णय लेना होगा।


जिनेवा में चर्चा

सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ़ रविवार को जिनेवा पहुंच रहे हैं, जहां इस मसौदे पर चर्चा की जाएगी। यूरोपीय अधिकारियों के भी वहां शामिल होने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में इस पहल को लेकर महत्वपूर्ण कूटनीतिक गतिविधियाँ देखने को मिल सकती हैं, जो युद्ध की दिशा को प्रभावित कर सकती हैं।


विश्व की नजरें

इस पूरी स्थिति पर वैश्विक समुदाय की नजरें टिकी हुई हैं, और सभी उम्मीद कर रहे हैं कि किसी न किसी तरीके से यह संघर्ष समाप्त हो सके। इसका प्रभाव केवल यूक्रेन या रूस पर नहीं, बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ रहा है, इसलिए बातचीत की हर कोशिश महत्वपूर्ण मानी जा रही है।