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रूस और अमेरिका के बीच बढ़ता परमाणु तनाव: पुतिन की नई रणनीति

रूस ने अमेरिका के साथ अपने तनाव को बढ़ाते हुए परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने की संभावना जताई है। राष्ट्रपति पुतिन ने संकेत दिया है कि वेनेज़ुएला में सैन्य उपस्थिति बढ़ाने के साथ-साथ बड़े पैमाने पर परमाणु परीक्षण की योजना पर विचार कर रहे हैं। यह स्थिति अमेरिका के साथ चल रहे टकराव को और बढ़ा सकती है। जानें इस जटिल स्थिति का क्या प्रभाव हो सकता है और रूस की रणनीति क्या है।
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रूस और अमेरिका के बीच बढ़ता परमाणु तनाव: पुतिन की नई रणनीति

रूस का अमेरिका के साथ टकराव

रूस ने अमेरिका के साथ अपने तनाव को और बढ़ा दिया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संकेत दिया है कि वह बड़े पैमाने पर परमाणु परीक्षण फिर से शुरू कर सकते हैं, साथ ही वेनेज़ुएला, जो कि रूस का एक प्रमुख अमेरिकी-विरोधी सहयोगी है, में अपनी सैन्य उपस्थिति को भी बढ़ा सकते हैं। हालांकि ये दोनों कदम अलग-अलग क्षेत्रों में उठाए जा रहे हैं, लेकिन इन्हें एक ही रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य अमेरिकी प्रभाव को चुनौती देना और यह दिखाना है कि मास्को अपनी शक्ति को अपने निकटवर्ती पड़ोस से कहीं आगे तक फैला सकता है।


परमाणु तनाव की स्थिति

नए परमाणु परीक्षण पर चर्चाओं का कारण तब बना जब पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका परमाणु हथियारों का परीक्षण फिर से शुरू कर सकता है। अमेरिका ने 1992 के बाद से कोई परमाणु विस्फोट आधारित परीक्षण नहीं किया है, लेकिन इसकी प्रयोगशालाएँ परिष्कृत कंप्यूटर मॉडलिंग और बिना परमाणु ऊर्जा वाले सबक्रिटिकल प्रयोगों का उपयोग करके विस्फोटों का अनुकरण करती हैं। अमेरिकी ऊर्जा सचिव ने बाद में स्पष्ट किया कि वाशिंगटन वास्तविक परमाणु विस्फोटों वाले परीक्षणों की योजना नहीं बना रहा है, लेकिन इस सुझाव पर मास्को की तीखी प्रतिक्रिया हुई।


पुतिन का निर्देश

रूस की सुरक्षा परिषद की बैठक में, राष्ट्रपति पुतिन ने रक्षा और विदेश नीति अधिकारियों को परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने के लिए संभावित प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि रूस तब ही कोई कदम उठाएगा जब अमेरिका पहले ऐसा परीक्षण करेगा, और इसे पारस्परिक उपाय के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। रूस ने 2023 में व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि का अनुसमर्थन वापस ले लिया, यह तर्क देते हुए कि वाशिंगटन ने कभी इस समझौते का अनुसमर्थन नहीं किया है।


विश्लेषकों की राय

विश्लेषकों का मानना है कि रूस शायद परीक्षण करने के लिए उत्सुक नहीं है, क्योंकि यह महंगा होगा और मास्को के संयम के दावों को कमजोर कर सकता है। फिर भी, इस खतरे का रणनीतिक महत्व है। यह संकेत देता है कि अगर मास्को देखता है कि वाशिंगटन भी ऐसा ही कर रहा है, तो वह लंबे समय से चले आ रहे हथियार नियंत्रण मानदंडों को छोड़ने के लिए तैयार है। यह रूस को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को यह याद दिलाने का भी अवसर देता है कि उसके पास दुनिया के सबसे बड़े और सबसे उन्नत परमाणु शस्त्रागारों में से एक है।