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रूस और ईरान की बैठक: अमेरिका के हमले के बाद बढ़ते तनाव

हाल ही में रूस और ईरान के बीच हुई बैठक ने अमेरिका के हमले के बाद के भू-राजनीतिक समीकरणों को नया मोड़ दिया है। राष्ट्रपति पुतिन ने ईरान के साथ संघर्ष में बाहरी शक्तियों की भागीदारी को गंभीर खतरा बताया है। इस स्थिति ने यह सवाल उठाया है कि क्या ईरान-इजरायल युद्ध में पुतिन की भूमिका बढ़ सकती है। जानें इस महत्वपूर्ण बैठक के बारे में और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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रूस और ईरान की बैठक: अमेरिका के हमले के बाद बढ़ते तनाव

ईरान पर हमले के बाद रूस का समर्थन

ईरान पर अमेरिका के हमले की कई देशों ने आलोचना की है, लेकिन रूस ने इस मामले में खुलकर अमेरिका के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है। हाल ही में, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसे ट्रंप की रणनीति को विफल करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिका द्वारा ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर हमले के बाद, पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक स्थिति तेजी से बदल रही है। दोनों देश एक-दूसरे पर हमले कर रहे थे, लेकिन हाल ही में ईरान ने इजरायल पर जो हमला किया, उससे न केवल तेल अवीव बल्कि वाशिंगटन में भी हलचल मच गई। इस स्थिति ने यह सवाल उठाया है कि क्या ईरान-इजरायल संघर्ष में पुतिन की भूमिका बढ़ सकती है?


पुतिन का बयान

रूस ने इस हमले पर जिस तरह से प्रतिक्रिया दी, वह विशेष रूप से ध्यान देने योग्य है। सोमवार को, राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मध्य पूर्व में ईरान के संघर्ष में बाहरी शक्तियों की भागीदारी वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है। इससे पहले, पुतिन ने मास्को में ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची का स्वागत किया और कहा कि अमेरिका द्वारा ईरान पर बमबारी का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि रूस ईरानी लोगों की सहायता करने के लिए प्रयासरत है।