रूस और चीन की अंतरिक्ष गतिविधियों पर जर्मनी और ब्रिटेन की चिंता: क्या है खतरा?
जर्मनी और ब्रिटेन की गंभीर चेतावनी
जर्मनी और ब्रिटेन ने रूस और चीन की बढ़ती गतिविधियों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। दोनों देशों ने बताया है कि रूस और चीन के उपग्रह लगातार पश्चिमी देशों के सैटेलाइट्स की जासूसी कर रहे हैं और उनके संचार नेटवर्क में हस्तक्षेप कर रहे हैं।
जर्मनी और ब्रिटेन का आरोप
हाल के दिनों में, जर्मनी और ब्रिटेन ने बार-बार यह आरोप लगाया है कि रूसी सैटेलाइट उनके उपग्रहों का पीछा कर रहे हैं, उनके सिग्नल को बाधित कर रहे हैं और अंतरिक्ष में उनके अभियानों में रुकावट डाल रहे हैं। जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस ने सितंबर में बर्लिन में आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि रूस की अंतरिक्ष गतिविधियाँ अब वैश्विक सुरक्षा के लिए एक "मौलिक खतरा" बन चुकी हैं।
पिस्टोरियस ने बताया कि हाल ही में दो रूसी टोही सैटेलाइट्स को जर्मन सशस्त्र बलों द्वारा उपयोग किए जाने वाले इंटेलसैट उपग्रहों का पीछा करते हुए देखा गया। इंटेलसैट एक वाणिज्यिक उपग्रह सेवा प्रदाता है, जिसका उपयोग अमेरिका और यूरोप की सरकारें और निजी कंपनियाँ करती हैं।
वैश्विक थिंक टैंक रैंड की रिपोर्ट
वैश्विक थिंक टैंक रैंड की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि संचार उपग्रहों को निशाना बनाया गया, तो इससे सैटेलाइट तस्वीरें, ब्रॉडबैंड इंटरनेट और दूरसंचार सेवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, नेविगेशन और पोजिशनिंग सिस्टम में बाधा आने से सैन्य अभियानों और नागरिक उड्डयन पर भी असर पड़ सकता है।
रूस और चीन का सहयोग
यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब रूस यूक्रेन पर हमले जारी रखे हुए है। यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, रूस और चीन ने अपने सहयोग को और मजबूत किया है, और बीजिंग रूस को यूक्रेनी क्षेत्रों की सैटेलाइट निगरानी में सहायता कर रहा है।
ब्रिटेन के यूके स्पेस कमांड के प्रमुख मेजर जनरल पॉल टेडमैन ने भी कहा कि रूसी सैटेलाइट ब्रिटिश उपग्रहों का पीछा कर रहे हैं और नियमित रूप से उनके सिग्नल को बाधित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि रूस ने अपने सैटेलाइट्स में विशेष उपकरण लगाए हैं, जो ब्रिटिश उपग्रहों से डेटा एकत्र करने और उनकी कार्यप्रणाली की निगरानी करने में सक्षम हैं।
पुतिन का बयान
इस बीच, नाटो महासचिव मार्क रुटे ने इस साल की शुरुआत में चेतावनी दी थी कि रूस अंतरिक्ष में ऐसे परमाणु हथियार विकसित करने की योजना बना रहा है, जो सैटेलाइट्स को निष्क्रिय या नष्ट कर सकते हैं। हालांकि, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस दावे को खारिज किया है, लेकिन उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उस प्रस्ताव को वीटो कर दिया, जिसमें सभी देशों से अंतरिक्ष-आधारित परमाणु हथियार विकसित न करने की अपील की गई थी।
जर्मनी ने इस खतरे का सामना करने के लिए अपने अंतरिक्ष रक्षा कार्यक्रमों में अरबों डॉलर की अतिरिक्त निधि देने का निर्णय लिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में अंतरिक्ष केवल वैज्ञानिक अनुसंधान का क्षेत्र नहीं रहेगा, बल्कि यह वैश्विक शक्ति संतुलन का नया युद्धक्षेत्र बन सकता है।
