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रूस-यूक्रेन युद्ध में नया मोड़: पुतिन के आवास पर ड्रोन हमले का गंभीर आरोप

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में एक नया मोड़ आया है, जब रूस ने यूक्रेन पर पुतिन के आवास पर ड्रोन हमले का गंभीर आरोप लगाया। इस हमले के पीछे की कहानी और इसके संभावित परिणामों पर चर्चा की जा रही है। क्या यह घटना शांति वार्ता को प्रभावित करेगी? जानिए इस लेख में।
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रूस-यूक्रेन युद्ध में नया मोड़: पुतिन के आवास पर ड्रोन हमले का गंभीर आरोप

शांति वार्ता के बीच बढ़ता तनाव


नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के प्रयासों में तेजी आई है। जहां एक ओर शांति वार्ता और संभावित समझौतों पर चर्चा हो रही है, वहीं दूसरी ओर युद्ध का तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच, सोमवार को रूस ने एक गंभीर आरोप लगाया है, जिसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता पैदा कर दी है।


पुतिन के निवास पर ड्रोन हमले का आरोप

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि यूक्रेन ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आधिकारिक निवास पर एक बड़ा ड्रोन हमला किया। उनके अनुसार, यह हमला रूस के नोवगोरोड क्षेत्र में हुआ, जहां 91 ड्रोन एक साथ भेजे गए। लावरोव ने इसे अब तक के सबसे गंभीर हमलों में से एक बताया है।


रात के अंधेरे में ड्रोन हमला

लावरोव ने बताया कि यह हमला 28 और 29 दिसंबर की रात को लंबी दूरी के ड्रोन के माध्यम से किया गया। उन्होंने कहा कि यूक्रेन ने अत्याधुनिक तकनीक से लैस ड्रोन का उपयोग किया, जिससे रूसी सुरक्षा तंत्र को भेदने की कोशिश की गई। हालांकि, रूस के एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी ड्रोन को समय पर नष्ट कर दिया।


रूसी एयर डिफेंस की सफलता

रूस ने दावा किया है कि उसके वायु रक्षा तंत्र ने पूरी सतर्कता से काम किया और किसी भी ड्रोन को लक्ष्य तक पहुंचने नहीं दिया। लावरोव ने कहा कि यदि एयर डिफेंस सक्रिय नहीं होता, तो परिणाम गंभीर हो सकते थे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस हमले में किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है।


यूक्रेन पर आतंकवादी हमले का आरोप

रूसी विदेश मंत्री ने इस ड्रोन हमले को यूक्रेन सरकार द्वारा प्रायोजित आतंकवादी कार्रवाई करार दिया। उन्होंने कहा कि किसी राष्ट्राध्यक्ष के निवास को निशाना बनाना अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। लावरोव ने चेतावनी दी कि रूस इस प्रकार की हरकतों को बिना जवाब नहीं छोड़ेगा।


क्या पुतिन उस समय मौजूद थे?

इस घटना के दौरान सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या राष्ट्रपति पुतिन वहां मौजूद थे। इस पर रूस की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पुतिन उस समय वहां होते, तो यह घटना युद्ध को और भी खतरनाक मोड़ पर ले जा सकती थी।


शांति प्रयासों पर सवाल

इस हमले के आरोप ने शांति वार्ता की कोशिशों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां अंतरराष्ट्रीय समुदाय संघर्ष को समाप्त करने की कोशिश कर रहा है, वहीं इस तरह की घटनाएं तनाव को और बढ़ा सकती हैं। विश्लेषकों का कहना है कि रूस की प्रतिक्रिया आने वाले दिनों में युद्ध की दिशा तय कर सकती है।