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रूस-यूक्रेन युद्ध में भारतीय नागरिकों की स्थिति: सरकार ने दी महत्वपूर्ण जानकारी

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में भारतीय नागरिकों की स्थिति पर संसद में चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय ने बताया कि 2022 से अब तक 202 भारतीय नागरिक रूसी सेना में भर्ती हुए हैं, जिनमें से 26 की मौत हो चुकी है। सरकार ने 119 नागरिकों की सुरक्षित वापसी की जानकारी दी, जबकि 50 अभी भी फंसे हैं। मृतकों के शवों की पहचान के लिए डीएनए जांच की जा रही है। जानें इस मुद्दे पर सरकार के प्रयास और दूतावास की भूमिका के बारे में।
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रूस-यूक्रेन युद्ध में भारतीय नागरिकों की स्थिति: सरकार ने दी महत्वपूर्ण जानकारी

भारतीय नागरिकों की मौत और भर्ती पर संसद में चर्चा


नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष में भारतीय नागरिकों की मौत और उनकी जबरन भर्ती का मुद्दा एक बार फिर संसद में उठाया गया। विदेश मंत्रालय ने 18 दिसंबर 2025 को इस विषय पर विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। मंत्रालय के अनुसार, 2022 से अब तक 202 भारतीय नागरिक रूसी सेना में भर्ती हुए हैं, जिनमें से 26 की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 7 लोग अभी भी लापता हैं।


विपक्ष के सवालों का सामना

कांग्रेस के सांसद रणदीप सुरजेवाला और तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने सदन में यह सवाल उठाया कि भारतीय नागरिकों को कैसे अवैध तरीके से रूस-यूक्रेन युद्ध में शामिल किया गया। उन्होंने सरकार से यह भी पूछा कि कितने भारतीयों को सुरक्षित वापस लाया गया है और जो अभी भी रूस में फंसे हैं, उनकी वापसी के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।


119 भारतीयों की सुरक्षित वापसी

विदेश राज्य मंत्री किर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार के प्रयासों के चलते अब तक 119 भारतीय नागरिकों को रूसी सेना से मुक्त कराकर भारत लाया गया है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया आसान नहीं थी, लेकिन निरंतर संवाद और दबाव के माध्यम से इसे संभव बनाया गया।


अभी भी 50 भारतीय नागरिक फंसे

विदेश राज्य मंत्री ने यह भी बताया कि लगभग 50 भारतीय नागरिक अभी भी रूसी सेना में हैं और उनकी सुरक्षित वापसी की प्रक्रिया जारी है। मंत्रालय रूस सरकार और वहां के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है ताकि इन नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।


मृतकों के शव लाने में सरकार की भूमिका

कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि अब तक 10 मृत भारतीय नागरिकों के शवों को भारत लाने में सरकार ने सहायता की है। इसके अलावा, दो भारतीय नागरिकों का अंतिम संस्कार रूस में ही किया गया। यह प्रक्रिया परिवारों की सहमति के अनुसार की गई।


डीएनए जांच से पहचान की प्रक्रिया

विदेश मंत्रालय ने बताया कि जिन 18 भारतीय नागरिकों के मारे जाने या लापता होने की सूचना है, उनके परिजनों के डीएनए सैंपल रूसी अधिकारियों को सौंपे गए हैं। इन सैंपलों का उपयोग शवों की पहचान के लिए किया जा रहा है।


भारतीय दूतावास की सक्रियता

मंत्रालय के अनुसार, रूस में भारतीय दूतावास इस मामले में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। दूतावास न केवल शवों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने में मदद कर रहा है, बल्कि पहचान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद परिवारों से संपर्क कर अंतिम संस्कार की औपचारिकताओं में भी सहायता कर रहा है।


घर लौटने में मदद का आश्वासन

विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि जो भारतीय नागरिक रूसी सेना से छुट्टी प्राप्त कर चुके हैं, उन्हें भारत लौटने में हरसंभव मदद दी जा रही है। इसमें यात्रा दस्तावेज, विमान टिकट और अन्य आवश्यक सहायता शामिल है। सरकार का प्रयास है कि कोई भी भारतीय नागरिक असहाय न रहे।


सरकार का आश्वासन

सरकार ने सदन को आश्वस्त किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे हर भारतीय की सुरक्षा उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और सभी नागरिकों की सुरक्षित वापसी तक कूटनीतिक प्रयास जारी रहेंगे।