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रूस-यूक्रेन संघर्ष: पुतिन की चेतावनी और यूरोप पर तीखा हमला

रूस-यूक्रेन युद्ध में एक बार फिर से तनाव बढ़ गया है, जब राष्ट्रपति पुतिन ने यूरोपीय नेताओं पर तीखा हमला किया और उन्हें 'पिग्लेट्स' कहा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कीव और उसके पश्चिमी सहयोगी शांति प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार नहीं करते, तो रूस बल प्रयोग कर सकता है। इस बीच, अमेरिका ने भी बातचीत की कोशिशें की हैं, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। जानें इस संघर्ष की पूरी कहानी और पुतिन की नई चेतावनियों के पीछे की सच्चाई।
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रूस-यूक्रेन संघर्ष: पुतिन की चेतावनी और यूरोप पर तीखा हमला

पुतिन का नया हमला


नई दिल्ली:  रूस-यूक्रेन युद्ध पर एक बार फिर से तीखी बयानबाज़ी देखने को मिली है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को यूरोपीय नेताओं पर हमला करते हुए उन्हें 'पिग्लेट्स' कहा और चेतावनी दी कि यदि कीव और उसके पश्चिमी सहयोगी अमेरिका समर्थित शांति प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार नहीं करते, तो रूस बल प्रयोग के माध्यम से यूक्रेन के और क्षेत्रों पर कब्जा कर लेगा।


रूसी सेना की स्थिति

रूस के रक्षा मंत्रालय की वार्षिक बैठक में पुतिन ने कहा कि रूसी सेना सभी मोर्चों पर प्रगति कर रही है और मॉस्को अपने ऐतिहासिक क्षेत्रों की मुक्ति के लिए किसी भी माध्यम से कार्रवाई करेगा। हालांकि, अमेरिका की अगुवाई में युद्ध समाप्त करने के प्रयास फिलहाल ठप हैं।


पुतिन की स्पष्ट चेतावनी

पुतिन ने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि यदि विरोधी पक्ष और उनके विदेशी समर्थक सार्थक बातचीत में शामिल होने से इनकार करते हैं, तो रूस सैन्य साधनों के जरिए अपनी ऐतिहासिक भूमि को मुक्त कर लेगा। उनके अनुसार, पश्चिमी दबाव के बावजूद रूस अपने लक्ष्यों से पीछे नहीं हटेगा।


संयुक्त राज्य अमेरिका की भूमिका

संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूस, यूक्रेन और यूरोपीय नेताओं के साथ विभिन्न स्तरों पर बातचीत की है, लेकिन इस संघर्ष का कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। कीव और उसके यूरोपीय सहयोगी किसी भी ऐसे समझौते को लेकर चिंतित हैं जिसमें यूक्रेनी क्षेत्र छोड़ने की शर्त हो।


रूस का भूभाग नियंत्रण

रूस वर्तमान में यूक्रेन के लगभग 19 प्रतिशत भूभाग पर नियंत्रण रखता है, जिसमें 2014 में कब्जा किया गया क्रीमिया, डोनबास का अधिकांश क्षेत्र, खेरसॉन और जापोरिज़्झिया के बड़े हिस्से शामिल हैं। मॉस्को इन क्षेत्रों को रूस का हिस्सा मानता है, जिसे यूक्रेन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के अधिकांश देश खारिज करते हैं।


भविष्य की सैन्य योजनाएँ

रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलोउसॉव ने बताया कि रूस 2026 में अपने सैन्य अभियान की गति बढ़ाने की योजना बना रहा है। उनके अनुसार, रूस 2025 में अपने सकल घरेलू उत्पाद का 5.1 प्रतिशत युद्ध पर खर्च करेगा, जो सैन्य प्रयासों के पैमाने को दर्शाता है।


पुतिन का यूरोप पर हमला

पुतिन ने यूरोपीय नेताओं पर तनाव बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे जानबूझकर डर का माहौल बना रहे हैं। उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन पर रूस को नष्ट करने की कोशिश का आरोप लगाया। हालांकि, पश्चिमी देशों ने इन आरोपों का खंडन किया है।


नाटो पर रूस की आपत्ति

रक्षा मंत्री बेलोउसॉव ने यूरोपीय शक्तियों पर शांति प्रयासों को बाधित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कुछ यूरोपीय देश रूस और नाटो के बीच संभावित युद्ध की बात कर रहे हैं, जो अगले वर्ष, 2026 में सैन्य अभियानों के जारी रहने के लिए वास्तविक परिस्थितियाँ उत्पन्न कर सकता है।


ज़ेलेंस्की की अपील

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने सहयोगी देशों से अपील की कि वे स्पष्ट करें कि रूस का युद्ध प्रयास अंततः असफल होगा। उन्होंने यूरोपीय संघ में जमी लगभग 250 अरब डॉलर की रूसी संप्रभु संपत्तियों के उपयोग की मांग की।


नए प्रतिबंधों की तैयारी

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यदि मॉस्को शांति समझौते को ठुकराता है, तो अमेरिका रूस के ऊर्जा क्षेत्र पर नए प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। संभावित कदमों में रूस के शैडो फ्लीट से जुड़े तेल टैंकरों और रूसी तेल निर्यात में मदद करने वाले व्यापारियों पर कार्रवाई शामिल हो सकती है।