Newzfatafatlogo

लाहौर में लश्कर-ए-तैयबा की रैली स्थगित, सुरक्षा चिंताओं का असर

लाहौर में लश्कर-ए-तैयबा की रैली को अचानक स्थगित कर दिया गया है, जो पहले 2 नवंबर को आयोजित होने वाली थी। यह निर्णय सुरक्षा चिंताओं के चलते लिया गया है, खासकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के बढ़ते खतरों के मद्देनजर। हाफ़िज़ सईद की सार्वजनिक उपस्थिति की तैयारी कर रहे समर्थकों में निराशा फैल गई है। जानें इस स्थगन के पीछे के कारण और लश्कर-ए-तैयबा के भविष्य पर इसके प्रभाव के बारे में।
 | 
लाहौर में लश्कर-ए-तैयबा की रैली स्थगित, सुरक्षा चिंताओं का असर

लश्कर-ए-तैयबा की रैली का स्थगन

लाहौर में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के प्रमुख हाफ़िज़ सईद की बहुप्रतीक्षित रैली को अचानक स्थगित कर दिया गया है। यह रैली 2 नवंबर (रविवार) को मीनार-ए-पाकिस्तान में आयोजित होने वाली थी, जिसे आतंकवादी संगठन के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा था। पाकिस्तान के सूत्रों के अनुसार, रैली को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है और नई तारीख की घोषणा नहीं की गई है।


सोशल मीडिया पर एक वीडियो में लश्कर-ए-तैयबा का एक सदस्य भीड़ को संबोधित करते हुए यह घोषणा करता दिखाई दिया कि "अमीर-ए-मोहतरम" (हाफ़िज़ सईद) के लिए रैली स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। इस घोषणा ने समूह के समर्थकों में भ्रम और अशांति पैदा कर दी है, जो लंबे समय बाद सईद की सार्वजनिक उपस्थिति की तैयारी कर रहे थे।


खुफिया सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने लश्कर-ए-तैयबा के नेतृत्व को रैली स्थगित करने का निर्देश दिया था। यह निर्देश तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से बढ़ते खतरों से संबंधित माना जा रहा है, जिसने हाल के दिनों में अपने हमलों को तेज कर दिया है। पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियां इस समय उच्च सतर्कता पर हैं।


यह रैली हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकवादियों की याद में आयोजित की जाने वाली थी। रैली स्थल पर कई लश्कर-ए-तैयबा कार्यकर्ताओं के पोस्टर भी दिखाए गए थे। अचानक कार्यक्रम रद्द होने से कई समर्थक निराश हो गए हैं और समूह के अगले कदम को लेकर अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं।


लश्कर-ए-तैयबा के समर्थक नेटवर्क के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि रैली स्थगित करने का निर्णय आतंकवादी नेताओं और पाकिस्तानी खुफिया तंत्र के बीच आंतरिक मतभेदों का संकेत हो सकता है। इस समय, समूह के समर्थक आगे के निर्देशों का इंतज़ार कर रहे हैं कि स्थगित कार्यक्रम कब या फिर से आयोजित किया जाएगा।


यह स्थगन ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तान आतंकवाद और उसके वित्तपोषण पर नियंत्रण पाने के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते दबाव का सामना कर रहा है। हाफ़िज़ सईद के नेतृत्व वाला लश्कर-ए-तैयबा इस स्थिति पर किस प्रकार प्रतिक्रिया देता है, यह दक्षिण एशिया के सबसे कुख्यात आतंकवादी संगठनों में से एक के भविष्य को प्रभावित कर सकता है।