वेनेजुएला और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव: रूस की सैन्य सहायता
तनाव की स्थिति
वेनेजुएला और अमेरिका के बीच तनाव इतना बढ़ गया है कि किसी भी समय गंभीर संघर्ष शुरू हो सकता है। दोनों देशों ने अपने-अपने हथियारों की तैनाती शुरू कर दी है। विशेष रूप से, जब से अमेरिका ने अपने सबसे बड़े युद्धपोत, गैराल्ड आलफोर्ड, को कैरेबियन सागर में तैनात किया है, तब से स्थिति और भी गंभीर हो गई है। इस बीच, वेनेजुएला ने रूस से 5000 इगला एस मिसाइलें तैनात की हैं, जिससे युद्ध की संभावना और बढ़ गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को चेतावनी दी है कि उनके देश में जल्द ही सैन्य कार्रवाई हो सकती है। अमेरिका का प्रयास वेनेजुएला को झुकाने का है, लेकिन यह खुद भी एक जटिल स्थिति में फंसता जा रहा है, जैसा कि क्यूबा मिसाइल संकट के दौरान हुआ था।
रूस की सैन्य सहायता
रूस ने भी इस मामले में कदम बढ़ाया है, जिससे अमेरिका की चिंता बढ़ गई है। हाल ही में, रूस का एक सैन्य विमान वेनेजुएला की राजधानी काराकास पहुंचा, जिसमें भारी मात्रा में सैन्य सामग्री होने की संभावना है। यह विमान मॉस्को से उड़ान भरकर कई देशों में रुकते हुए काराकास पहुंचा। इस यात्रा के दौरान विमान लगभग 45 घंटे तक काराकास में रुका, जिससे यह संकेत मिलता है कि इस दौरान माल की अनलोडिंग या ट्रांसफर किया गया होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि विमान ने कुछ विशेष सामग्री उठाई होगी, क्योंकि इतनी जटिल उड़ान केवल तकनीकी कारणों से नहीं समझी जा सकती।
वेनेजुएला की सैन्य स्थिति
जानकारी के अनुसार, रूस ने वेनेजुएला को मजबूत करने के साथ ही अमेरिका को तनाव में डालने का काम किया है। अमेरिकी सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, वेनेजुएला के राष्ट्रपति मादुरो ने रूस, चीन और ईरान से संपर्क किया है ताकि वे अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ा सकें। उन्होंने रक्षात्मक रडार, विमान मरम्मत और संभावित रूप से मिसाइलों की मांग की है। मादुरो ने पुतिन को लिखित अपील भेजी थी, जिसमें सुखोई-30 जेट विमानों को युद्ध के खतरे का सामना करते समय वेनेजुएला के लिए महत्वपूर्ण बताया गया था।
