शहबाज शरीफ का UNGA में भारतीय पत्रकारों से सामना

शहबाज शरीफ UNGA में
शहबाज शरीफ UNGA में: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में भाग लिया। इस दौरान, जब वे संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में प्रवेश कर रहे थे, तब भारतीय पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछने की कोशिश की। एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि पाकिस्तान कब सीमा पार आतंकवाद को रोकने की योजना बना रहा है। इस सवाल पर शरीफ थोड़े असहज दिखे और तुरंत उत्तर दिया, 'हम आतंकवाद का मुकाबला कर रहे हैं, हम उन्हें हरा रहे हैं।'
हालांकि, पत्रकार ने उन पर पलटवार करते हुए कहा, 'पाकिस्तानी पीएम, भारत आपको हरा रहा है।' इस टिप्पणी के बाद शहबाज शरीफ ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और चुपचाप महासभा में चले गए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया है, जिससे पाकिस्तान की एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है।
देखें वायरल वीडियो
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#WATCH | New York | "We are defeating cross-border terrorism. We are defeating them," says Pakistan PM Shehbaz Sharif when asked by ANI about cross-border terrorism as he enters the UN pic.twitter.com/pnCeYqZdNp
— ANI (@ANI) September 26, 2025
पाकिस्तान पर लगे आरोप
पाकिस्तान पर लगे आरोप
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा लंबे समय से विवाद का विषय रहा है। भारत का आरोप है कि पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों को समर्थन देता है और उन्हें भारत के खिलाफ हमलों के लिए इस्तेमाल करता है। दूसरी ओर, पाकिस्तान इन आरोपों का हमेशा खंडन करता आया है और खुद को आतंकवाद का शिकार बताता है।
भारत का आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख
भारत का आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख
हाल ही में, भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक सख्त रुख अपनाया है। 7 मई 2025 को, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। इस हमले में भारतीयों के साथ-साथ नेपाली नागरिक भी शामिल थे। इसके बाद, भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित 9 आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए।
भारत की इस कार्रवाई का मकसद
भारत की इस कार्रवाई का मकसद
भारत की इस कार्रवाई का उद्देश्य आतंकवाद के ठिकानों को नष्ट करना और भविष्य में ऐसे हमलों को रोकना था। भारत ने स्पष्ट किया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर अडिग है। वहीं, पाकिस्तान लगातार खुद को निर्दोष साबित करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसकी स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है।