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शीशे की बोतलों में माइक्रोप्लास्टिक की उच्च मात्रा का खुलासा

एक हालिया अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि शीशे की बोतलों में माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा प्लास्टिक की बोतलों और धातु के डिब्बों की तुलना में अधिक है। शोधकर्ताओं ने विभिन्न पेय पदार्थों में माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा का अध्ययन किया और पाया कि सॉफ्ट ड्रिंक, नींबू पानी, आइस्ड टी और बीयर में प्रति लीटर औसतन 100 कण मौजूद हैं। इस अध्ययन के परिणामों ने शोधकर्ताओं को चौंका दिया है, क्योंकि उन्हें इसके विपरीत परिणाम की उम्मीद थी। जानें इस अध्ययन के बारे में और क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
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शीशे की बोतलों में माइक्रोप्लास्टिक की उच्च मात्रा का खुलासा

शीशे की बोतलों में माइक्रोप्लास्टिक की अधिकता

हाल ही में एक अध्ययन में यह सामने आया है कि शीशे की बोतलों में माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा प्लास्टिक की बोतलों और धातु के डिब्बों की तुलना में अधिक है। माइक्रोप्लास्टिक, जो छोटे और लगभग अदृश्य प्लास्टिक कण होते हैं, हर जगह जैसे कि हवा, भोजन और मानव शरीर में पाए जाते हैं। हालांकि, इनके मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव का कोई ठोस प्रमाण अभी तक नहीं मिला है, लेकिन शोधकर्ता इसके प्रसार का अध्ययन कर रहे हैं।


शीशे की बोतलों में अधिक माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा


फ्रांस की खाद्य सुरक्षा एजेंसी ANSES के शोध निदेशक गुइलोम डुफ्लोस ने बताया कि उनकी टीम ने फ्रांस में उपलब्ध विभिन्न पेय पदार्थों में माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा और विभिन्न कंटेनरों के प्रभाव का अध्ययन किया। शोध में यह पाया गया कि शीशे की बोतलों में सॉफ्ट ड्रिंक, नींबू पानी, आइस्ड टी और बीयर में प्रति लीटर औसतन 100 माइक्रोप्लास्टिक कण थे, जो प्लास्टिक की बोतलों या धातु के डिब्बों की तुलना में 5 से 50 गुना अधिक है।


शोधकर्ताओं को मिले अप्रत्याशित परिणाम


शोधकर्ता इसलीन चैब ने कहा, "हमें इस अध्ययन में उल्टा परिणाम मिलने की उम्मीद थी।" उन्होंने बताया कि शीशे की बोतलों में पाए गए कणों का आकार, रंग और पॉलिमर संरचना वही थी, जो बोतलों को सील करने वाले ढक्कनों पर लगे पेंट से मेल खाती थी। ANSES ने बताया कि ढक्कनों पर मौजूद छोटे खरोंच, जो आंखों से दिखाई नहीं देते, संभवतः भंडारण के दौरान ढक्कनों के आपस में घर्षण के कारण उत्पन्न हुए थे।


पानी और वाइन में कम माइक्रोप्लास्टिक


पानी (सादा और स्पार्कलिंग) में माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा कम थी, जिसमें शीशे की बोतलों में 4.5 कण प्रति लीटर और प्लास्टिक में 1.6 कण पाए गए। वाइन में भी माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा कम थी। डुफ्लोस ने कहा, "इस अंतर का कारण अभी स्पष्ट नहीं है।"


समाधान की दिशा में कदम


ANSES ने सुझाव दिया है कि ढक्कनों को हवा, पानी और अल्कोहल से साफ करने की तकनीक से माइक्रोप्लास्टिक संदूषण को 60% तक कम किया जा सकता है। यह अध्ययन पिछले महीने जर्नल ऑफ फूड कंपोजिशन एंड एनालिसिस में प्रकाशित हुआ।